आईआरजीसी का मिसाइल हमला उत्तम कार्य थाः वरिष्ठ नेता
https://parstoday.ir/hi/news/iran-i45004-आईआरजीसी_का_मिसाइल_हमला_उत्तम_कार्य_थाः_वरिष्ठ_नेता
प्रक्षेपास्त्रिक क्षमता ने ईरान की प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना कर दिया है
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Jul ०६, २०१७ १९:०० Asia/Kolkata

प्रक्षेपास्त्रिक क्षमता ने ईरान की प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना कर दिया है

इस्लामी क्रांति के संरक्षक बल सिपाहे पासदारान ने सीरिया में आतंकवादी गुट दाइश के ठिकानों पर जो प्रक्षेपास्त्रिक हमला किया था वरिष्ठ नेता ने उसे बहुत अच्छा कार्य बताया है।

वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने सिपाहे पासदारान के हमले को बहुत अच्छे कार्य की संज्ञा दी और मिसाइल के क्षेत्र में उसके क्रिया- कलापों की सराहना करते हुए कहा कि मिसाइल के क्षेत्र में जो भी कर सकते हो करो और देखो कि दुश्मन मिसाइल के प्रति कितना संवेदनशील है और जान लो कि तुम्हारा यह कार्य कितना महत्वपूर्ण है।

आतंकवादी गुट दाइश के तत्वों ने पवित्र  रमज़ान महीने की 12 तारीख को तेहरान में दो अलग- अलग हमलों में 18 ईरानी नागरिकों को शहीद कर दिया था।

इन हमलों के बाद समस्त ईरानी विशेषकर आतंकवादी हमलों में भेंट चढ़ने वालों के परिजन आतंकवादियों और उनके समर्थकों को कड़ा जवाब दिये जाने की प्रतीक्षा में थे।

तेहरान में होने वाले आतंकवादी हमलों के 12 दिनों के भीतर सीरिया के दैरुज़्ज़ूर क्षेत्र में दाइश के ठिकानों पर ईरान ने शीघ्र और सटीक प्रक्षेपास्त्रिक हमला करके आतंकवादियों और उनके समर्थकों को अपनी शक्ति से परिचित करा दिया।

दुश्मनों ने इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद विभिन्न शैलियों की परीक्षा की है ताकि वे अपने मूल लक्ष्य यानी ईरान की इस्लामी व्यवस्था को परिवर्तित करने के लक्ष्य को प्राप्त कर लें परंतु हर बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी है।

ईरान ने पहली बार देश की सीमा के बाहर प्रक्षेपास्त्रिक हमला किया है और यह हमला दुश्मनों के लिए अर्थपूर्ण संदेश था। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के शब्दों में दुश्मनों को जान लेना चाहिये कि इस्लामी गणतंत्र ईरान मजबूती और पूर्ण शक्ति के साथ खड़ा है और दुश्मन ईरानी राष्ट्र को आघात नहीं पहुंचा सकते बल्कि ईरानी राष्ट्र उन्हें नुकसान पहुंचायेगा।

प्रक्षेपास्त्रिक क्षमता ने ईरान की प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना कर दिया है और उसने ईरान की सुरक्षा स्थिति को संतोषजनक सीमा तक पहुंचा दिया है। ईरान की प्रक्षेपास्त्रिक क्षमता के प्रति अमेरिका सहित ज़ोर ज़बरदस्ती करने वाले देशों की संवेदनशीलता को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है। MM