मोहर्रम, हर ओर से आ रही है सदा "या हुसैन" की, इमाम हुसैन के रौज़े के झंडे का रंग हुआ काला, श्रद्धालुओं की नम हुईं आंखें
इस्लामी गणतंत्र ईरान सहित, इस्लामी जगत और दुनिया के अधिकांश देशों में मोहर्रम का चाँद दिखाई देते ही इमाम हुसैन (अ) और करबला के शहीदो तथा उनके मज़लूम परिजनों और साथियों की याद में हर ओर ग़म का माहौल है और "या हुसैन" की अवाज़ें आ रही हैं।
मोहर्रम इस्लामी कैलेंडर का वह महीना है जब हज़रत इमाम हुसैन (अ) ने इराक़ में स्थित कर्बला के मैदान में सच और झूठ, ज्ञान और अज्ञानता, हक़ और बातिल के बीच अंतर करने के लिए महान बलिदान दिया। इसलिए इस इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने को इमाम हुसैन (अ) की शहादत से ही पहचाना जाने लगा। हज़रत इमाम हुसैन (अ) की शहादत का उद्देश्य इतना बुलंद है कि आसानी से कोई उसे समझ नहीं सकता। करबला वालों के महान बलिदान और शहादत ने दुनिया वालों के सामने ज़ालिम और मज़लूम के बीच हमेशा के लिए लकीर खींच दी।
आज ईरान में पहली मोहर्रम है पूरा इस्लामी गणतंत्र ईरान काले रंग में रंग गया है और सभी छोटे बड़े शहरों में इमाम हुसैन (अ) तथा करबला के अन्य शहीदों की याद में शोक सभाएं आयोजित हो रही हैं। वक्ता करबला वालों की शहादत को बयान कर रहे हैं। ईरान के पवित्र शहर मशहद और क़ुम में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित हो गई है। ईरान के हर कोने से या हुसैन की आवाज़े सुनाई दे रही हैं।
पवित्र नगर करबला से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कल गुरुवार को सूर्यास्त के साथ ही इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रौज़े के गुंबद पर लगे लाल रंग के झंडे को उतारकर काले रंग का झंडा लगा दिया गया। करबला में आयोजित हुए इस विशेष कार्यक्रम में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। वहां मौजूद लोगों का कहना था कि झंडे को बदलते समय लब्बैक या हुसैन की ऐसी आवाज़े बुलंद हुईं कि पवित्र शहर करबला से बाहर कई किलोमीटर तक लोगों ने यह आवाज़ें सुनीं।
भारत और पाकिस्तान में भी मोहर्रम का चांद नज़र आते ही इमाम हुसैन (अ) के चाहने वालों के घरों में ग़म का फ़र्श बिछ गया। शहरों, गावों के इमामबाड़ों से या हुसैन की आवाज़े साफ़ सुनी जा सकती हैं। भारत के सभी छोटे बड़े शहरों में जुलूस, मजलिसों और मातम का सिलसिला पूरी श्रद्धा के साथ शुरू हो गया है।
पार्स टुडे हिन्दी सेवा इस दुखद और ग़म के अवसर पर अपने सभी श्रोताओं, पाठकों और इमाम हुसैन (अ) के श्रद्धालुओं की सेवा में संवेदना और शोक व्यक्त करता है। (RZ)