इस्लाम के दुश्मन घुटने टेकने पर मजबूर होंगेः वरिष्ठ नेता
हज समिति के अधिकारियों और सदस्यों ने बुधवार को इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई से तेहरान में भेंट की। इस भेंट में उन्होंने कहा कि हाजियों की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामले की पूरी ज़िम्मेदारी सऊदी अरब सरकार की है।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि एकता, अत्याचारग्रस्तों विशेषकर फ़िलिस्तीनियों तथा यमनियों का समर्थन और अनेकेश्वरवादियों से विरक्तता जैसे मुद्दे राजनीतिक तो हैं किंतु वे इस्लामी शिक्षाओं के बिल्कुल अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार कहा जा सकता है कि हज के राजनैतिक आयाम भी धार्मिक आदेश हैं।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि धर्म के राजनीतिक आयामों के साथ ही अधर्मी राजनीतिक एवं शैतानी काम भी हैं जैसे कि हज के दौरान अमरीका के विरोध पर रोक या अनेकेश्वरवादियों से विरक्तता पर प्रतिबंध। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनेकेश्वरवादियों से विरक्तता एक इस्लामी कर्तव्य है जो बहुत ज़रूरी है। यही कारण है कि हमारा प्रयास रहता है कि प्रतिवर्ष हज के अवसर पर यह काम बेहतरीन ढंग से अंजाम पाए।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने इस्लाम के प्रति अमरीका और अन्य वर्चस्ववादियों की गहरी शत्रुता की ओर संकेत करते हुए कहा कि मुसलमान राष्ट्रों पर वर्चस्ववादियों के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं सुरक्षा संबन्धी भयानक हमले इस्लामी शिक्षाओं के बारे में उनकी घोर शत्रुता को दर्शातेे हैं। उन्होंने इस्लामी शिक्षाओं को अत्याचारियों की शैली के विरुद्ध बताते हुए कहा कि धार्मिक नियमों के प्रति इस्लामी समाजों की कटिबद्धता और वर्चस्ववादियों के वर्चस्व के मुक़ाबले में अडिग रहना ही इस्लामी राष्ट्र की मुक्ति का मूलमंत्र है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईरानी राष्ट्र और इस्लामी जगत के शत्रु ईश्वर की कृपा से अंततः घुटने टेकने पर मजबूर होंगे।