नई अमरीकी सरकार अपनी आर्थिक आतंकवाद की नीति पर पुनर्विचार करेः ज़रीफ़
विदेश मंत्री ज़रीफ़ ने कहा है कि अमरीका की नई सरकार को अपनी आर्थिक आतंकवाद की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।
मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने रशा टूडे टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि एकपक्षीय प्रतिबंध लगाने के संबंध में अमरीका की वर्तमान नीति, बुनियादी तौर पर आर्थिक युद्ध और आर्थिक आतंकवाद है।
उन्होंने कहा कि जब तक अमरीका, सन 2015 के परमाणु समझौते के आधार पर अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं करता तब तक ईरान को इस बारे में कोई रुचि नहीं है कि वाइट हाउस में कौन है।
ईरान के विदेश मंत्री ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि परमाणु समझौते से निकलने के फ़ैसले से अमरीका को उलटा नतीजा हासिल हुआ है, कहा कि ईरान के संवर्धित यूरेनियम का स्टाॅक काफ़ी बढ़ गया है और परमाणु समझौते से अमरीका के एकपक्षीय रूप से निकल जाने के बाद यह मात्रा 300 किलो से बढ़ कर 4000 किलो तक पहुंच गई है।

विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने इसी तरह अपने एक ट्वीट में ज़ोर देकर कहा है कि शांति व सुरक्षा स्थापित करने का एकमात्र रास्ता, क्षेत्रीय देशों के बीच व्यापक सहयोग है। उन्होंने गुरुवार की रात अरबी भाषा में किए गए इस ट्वीट में लिखा हैः सम्मानीय पड़ोसियो! एक अवसर पैदा हुआ है कि हम एक बार फिर क्षेत्र की सुरक्षा के बारे में सोचें। उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि सुरक्षा न तो ख़रीदी जा सकती है और न ही हथियारों का ढेर लगा कर स्थापित की जा सकती है, कहा है कि शांति व सुरक्षा स्थापित करने का एकमात्र मार्ग, क्षेत्रीय देशों के बीच व्यापक सहयोग है और ईरान ने हमेशा ही इस सहयोग को सक्रिय बनाने के लिए अपनी तैयारी की घोषणा की है। (HN)
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