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क्यों हज़रत इमाम महदी (अ.स.) के इंतज़ार करने वाले लोग सबसे उत्तम लोग हैं?
Sep ०३, २०२५ १७:१२एक ईरानी किशोर, जिसकी माँ उसके सिर पर "या صاحبالزمان" का पटका इस निशानी के तौर पर बाँधती है कि वह हज़रत के ज़ुहूर के लिए तैयार है।
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क्या हज़रत महदी अलै. और हज़रत ईसा अलै. के ज़ुहूर होने से अत्याचार का अंत हो जायेगा?
Sep ०२, २०२५ १६:५१पार्स टुडे – इब्राहीमी धर्मों का विश्वास है कि एक उद्धारकर्ता का आगमन होगा और वह अन्याय का अंत करेगा।
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पैग़म्बरे इस्लाम की नवासी और प्रतिरोध की व्याख्याकार महान महिला हज़रत ज़ैनब के बारे में आप क्या जानते हैं?
Aug १७, २०२५ १५:४६पार्स टुडे - हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा, पैग़म्बरे इस्लाम की नवासी थीं, जिन्हें सब्र और इस्तेक़ामत अर्थात धैर्य और दृढ़ता की मिसाल के रूप में जाना जाता है।
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एक फ़ुटबॉलर ने कैसे ब्रिटेन में मुसलमानों की इमेज बदल दी
Aug ०६, २०२५ १८:४०स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय की एक रिसर्च के मुताबिक़, लिवरपूल टीम में मिस्र और मुस्लिम स्टार प्लेयर मोहम्मद सलाह की मौजूदगी ने ब्रिटिश मर्सीसाइड क्षेत्र में इस्लामोफ़ोबिया को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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ज़िन्दगी के छोटे खज़ाने
Jul २८, २०२५ १५:२०इंसान जीवन की शुरुआत में अनजान लेकिन ईश्वरीय क्षमताओं से भरपूर बनाया गया है।
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न्याय: एक मोमिन की ज़िन्दगी का घोषणापत्र
Jul २७, २०२५ १३:४३पवित्र क़ुरआन की नज़र में न्याय केवल एक नैतिक आदेश नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ और ईश्वरीय समाज के निर्माण के लिए एक बुनियादी एलाही फ़रीज़ा है।
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क़ुरआन कहता है: "अच्छी तरह से बात करो!"
Jul २६, २०२५ १६:२२तनाव और मतभेद से भरी दुनिया में क़ुरआन हमें एक शक्तिशाली हथियार की ओर बुलाता है: वह हथियार है अच्छा बोलना है
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कठिनाई और सुख में, अच्छे बने रहो!
Jul २४, २०२५ १६:४४अच्छे लोग एक दयालु और न्यायपूर्ण समाज के स्तंभ होते हैं, वे लोग जो हर परिस्थिति में दान करते हैं, अपने क्रोध को नियंत्रित करते हैं और दूसरों की ग़लतियों को माफ़ कर देते हैं।
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जब हम दिल को अल्लाह को सौंप देते हैं
Jul २४, २०२५ १५:३५जीवन की चुनौतियों और चिंताओं के बीच, ईश्वर पर भरोसा करने से हृदय को शांति और आराम मिलता है।
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अल्लाह को भूलने के सामाजिक परिणाम
Jul २२, २०२५ १५:३१अल्लाह को भूलना सामाजिक और नैतिक पतन की शुरुआत है। सूरह हश्र की आयत नंबर 19 चेतावनी देती है कि ईश्वर के साथ आध्यात्मिक संबंध टूटने से व्यक्तिगत ग़ुमराही और सामाजिक भ्रष्टाचार पैदा होता है।