अली बिन अबीतालिब पैग़म्बरे इस्लाम के वसी व उत्तराधिकारी कौन हैं और अहलेबैत के अनुयाई उन्हें क्यों अपना इमाम मानते हैं?
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ख़ैबर के विजेता, मशहूर ईरानी कलाकार हसन रूहुल अमीन की रचना
पार्सटुडे- अली बिन अबीतालिब अलैहिस्सलाम मुसलमानों के पहले इमाम हैं। वह पैग़म्बरे इस्लाम के परिजनों के अनुयाइयों के पहले इमाम, सहाबी, रावी, पैग़म्बरे इस्लाम के चाचा के बेटे और उनके दामाद, वहि अर्थात ईश्वरीय संदेश के लिखने वाले हैं जबकि सुन्नी मुसलमानों के निकट वह चौथे ख़लीफ़ा हैं और शिया उन्हें पहला ख़लीफ़ा मानते हैं।
हज़रत अली अलैहिस्सलाम की सबसे प्रसिद्ध उपाधि अमीरुल मोमिनीन है। वह पैग़म्बरे इस्लाम के चचाज़ाद भाई, उनके दामाद और हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के पति और इमाम हसन, इमाम हुसैन अलैहिमुस्सलाम और हज़रत ज़ैनब और उम्मे कुल्सुम के पिता हैं।
शिया और सुन्नी मुसलमानों की एतिहासिक किताबों के अनुसार हज़रत अली अलैहिस्सलाम वह पहले मर्द हैं जो पैग़म्बरे इस्लाम पर ईमान लाये थे और पैग़म्बरे इस्लाम ने उन्हें अमीरुल मोमेनीन की उपाधि दी थी। वह पैग़म्बरे इस्लाम के पवित्र परिजनों में से एक हैं जिनके बारे में पवित्र क़ुरआन के सूरे अहज़ाब की 33वीं आयत नाज़िल हुई है। «...إِنَّمَا يُرِيدُ اللَّهُ لِيُذْهِبَ عَنْكُمُ الرِّجْسَ أَهْلَ الْبَيْتِ وَيُطَهِّرَكُمْ تَطْهِيرًا» (احزاب، 33).
पैग़म्बरे इस्लाम ने महान ईश्वर के आदेश से ग़दीरे ख़ुम में हज़रत अली अलैहिस्सलाम को अपना राजनीतिक और धार्मिक उत्तराधिकारी नियुक्त किया और लोगों व हाजियों को हज़रत अली अलैहिस्सलाम के हाथों पर बैअत करने का आदेश दिया। अलबत्ता पैग़म्बरे इस्लाम के स्वर्गवास के बाद सन 11 हिजरी क़मरी में कुछ चीज़ें कारण बन गयीं जिसकी वजह से हज़रत अली अलैहिस्सलाम को पैग़म्बरे इस्लाम का उत्तराधिकारी नहीं बनाया गया और वह पैग़म्बरे इस्लाम का उत्तराधिकारी बनने से वर्षों दूर रहे।
हज़रत अली अलैहिस्सलाम व्यवहारिक रूप से 25 साल बाद उस्मान के बाद ख़लीफ़ा बने। हज़रत अली अलैहिस्सलाम की ख़िलाफ़त वह विषय है जिसकी वजह से मुसलमानों के दो मुख्य संप्रदाय अस्तित्व में आ गये। एक को शिया जबकि दूसरे को सुन्नी कहा जाता है। जो मुसलमान पैग़म्बरे इस्लाम के स्वर्गवास के बाद हज़रत अली अलैहिस्सलाम को उनका पहला ख़लीफ़ा व उत्तराधिकारी मानते हैं उन्हें शिया कहा जाता है जबकि जो हज़रत अलैहिस्सलाम को चौथा ख़लीफ़ा मानते हैं उन्हें सुन्नी कहा जाता है। सुन्नी मुसलमानों का मानना है कि जिस मुसलमान को कुछ लोग चयन कर लेते हैं या वह वरासत के ज़रिये या जंग व ताक़त के बल पर चुन लिया जाता है तो वह ख़लीफ़ा है। MM ....