सुंदरता से भी सुंदर क्या है?  इमाम हादी अलैहिस्सलाम से 8 हदीसें
(last modified Wed, 11 Jun 2025 12:08:19 GMT )
Jun ११, २०२५ १७:३८ Asia/Kolkata
  • सुंदरता से भी सुंदर क्या है?  इमाम हादी अलैहिस्सलाम से 8 हदीसें
    सुंदरता से भी सुंदर क्या है?  इमाम हादी अलैहिस्सलाम से 8 हदीसें

पार्स टुडे- इमाम हादी अलैहिस्सलाम पैग़म्बरे इस्लाम के वंशजों में से थे। उन्होंने दुश्मनों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए क़ुरआन, इस्लाम और धार्मिक शिक्षाओं को तहरीफ़ होने से सुरक्षित रखा।

अली बिन मुहम्मद" जो इमाम हादी और इमाम अली अल-नक़ी के नाम से प्रसिद्ध हैं, पैग़म्बरे इस्लाम के वंशजों में से थे। हिजरी सन 220 में अपने पूज्य पिता इमाम जवाद अलैहिस्सलाम की शहादत के बाद वे इमामत के पद पर आसीन हुए।

 

हालाँकि अब्बासी ख़लीफ़ाओं की ओर से वे कड़ी निगरानी में थे लेकिन उन्होंने अपने समय की परिस्थितियों के अनुसार अपने संघर्ष और गतिविधियों को आगे बढ़ाया। उनकी सबसे महत्वपूर्ण गतिविधियों में से एक यह थी कि उन्होंने विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया और अपने भाषणों, वाद-विवादों तथा वैज्ञानिक प्रश्नोत्तर के माध्यम से अपनी इमामत के पद और अपने ज्ञान की प्रतिष्ठा को स्पष्ट और साबित किया।

 

इमाम की गतिविधियों का एक अन्य महत्वपूर्ण पक्ष यह था कि उन्होंने लोगों और अहलुल बैत के अनुयायियों को हज़रत मेहदी अलैहिस्सलाम की ग़ैबत हो जाने के लिए तैयार किया। हालांकि, उन्होंने अत्यंत सावधानी के साथ और सरकार की संवेदनशीलता से बचते हुए इस विषय का उल्लेख अपने वक्तव्यों में संकेत रूप में किया।

 

इमाम हादी अलैहिस्सलाम से अनेक रिवायतों व हदीसों के अलावा कई दुआएँ और ज़ियारतें भी विरासत में मिली हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध "ज़ियारत-ए-जामेअह कबीरह" है। यह ज़ियारत अत्यंत ऊँचे स्तर के अर्थों और नवीन विचारों से भरपूर है और धार्मिक विद्वान इसे "इमाम-शिनासी अर्थात इमाम की पहचान का पाठ्यक्रम मानते हैं।

 

इमाम हादी अलैहिस्सलाम से प्राप्त अन्य ज़ियारतों में "ज़ियारत-ए-ग़दीर" भी शामिल है जिसमें हज़रत अली अलैहिस्सलाम की विशेषताएँ और गुणों का उल्लेख है जो पैगंबर इस्लाम के उत्तराधिकारी थे तथा ग़दीर ख़ुम की घटना का वर्णन भी है। ग़दीर वह दिन जब पैगंबर इस्लाम ने ईश्वर के आदेश से हज़रत अली अलैहिस्सलाम को अपना वसी और उत्तराधिकारी घोषित किया था।

 

इमाम हादी अलैहिस्सलाम की इमामत की अवधि लगभग 34 वर्षों की थी और हिजरी सन् 254 में अब्बासी ख़लीफ़ा मुअ्तज़ के आदेश पर उन्हें ज़हर देकर शहीद कर दिया गया।

 

इस लेख में पार्स टुडे की ओर से इमाम हादी अलैहिस्सलाम की कुछ हदीसों का उल्लेख किया गया है।

 

1. विनम्रता

विनम्रता यह है कि तुम लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करो जैसा कि चाहते हो कि वे तुम्हारे साथ करें।

 

2. बुरे नैतिक गुण

हसद नेकियों को नष्ट कर देता है, घमंड दुश्मनी को जन्म देता है, अहंकार ज्ञान की खोज से रोकता है और अज्ञानता की ओर ले जाता है, कंजूसी सबसे बुरा व्यवहार है और लोभ एक घटिया और निंदनीय स्वभाव है।

 

3. चापलूसी से परहेज़

इमाम हादी अलैहिस्सलाम ने एक व्यक्ति से, जो उनकी अत्यधिक प्रशंसा कर रहा था, फ़रमाया: इस काम से परहेज़ करो। क्योंकि अत्यधिक चापलूसी भ्रांति व संदेह को जन्म देती है। जब तुम अपने मोमिन भाई के पास भरोसे के पात्र हो तो चापलूसी करने से परहेज़ करोऔर अच्छी नीयत दिखाओ।

 

4. सुंदरता से भी सुंदर

नेक कार्य से बेहतर वह है जो उसे अंजाम दे, सुंदरता से बढ़कर वह है जो उसे बोले, ज्ञान से श्रेष्ठ वह है जो उसे अपने पास रखे, बुराई से भी बुरा वह है जो उसे फैलाए और डरावनी चीज़ से भी डरावना वह है जो उसे लेकर आए।

 

5. अधीनस्थों पर क्रोध

उन पर क्रोधित होना जिन पर तुम्हारा अधिकार है नीचता है।

 

6. दुनिया और आख़िरत के साथियों का अंतर

लोगों का मूल्यांकन दुनिया में उनके धन के आधार पर होता है और आख़िरत में उनके कर्मों के आधार पर।

 

7. विवाद का परिणाम

विवाद पुरानी मित्रता को नष्ट कर देता है, मज़बूत संबंधों को तोड़ता है और इसका सबसे कम परिणाम एक को दूसरे पर विजय पाना होता है और वह भी एक दूसरे से अलग होने का कारण होता है।

 

8. दृढ़ संकल्प

कामों में लापरवाही पर पछताने की भरपाई दृढ़ संकल्प के ज़रिये पूरा करो। MM