आले ख़लीफ़ा के अत्याचारों को बर्दाश्त करते हुए बहरैनी मुसलमान मना रहे हैं इमाम हुसैन (अ) का ग़म, पाबंदियां भी नहीं रोक पा रहीं है अज़ादारों को+ वीडियो
मोहर्रम के दौरान बहरैन के लोगों द्वारा हर तरह की पाबंदियों के बावजूद बड़े पैमाने पर की जा रही अज़ादारी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
आले सऊद और इस्राईल समर्थक आले ख़लीफ़ा शासन द्वारा हर तरह के अत्याचारो और संभावित ख़तरों के बावजूद बहरैन के मुसलमान पैग़म्बरे इस्लाम (स) के चहीते नाती हज़रत इमाम हुसैन (अ) की अज़ादारी और शोक सभाओं का व्यापक्ता के साथ आयोजन कर रहे हैं। बहरैन के तानाशाह आले ख़लीफ़ा द्वारा पहले से दी गईं सभी चेतावनियों और धमकियों की परवाह किए बिना इस देश में रहने वाले इमाम हुसैन (अ) के चाहने वाले मोहर्रम महीने में सय्यदुश्शोहदा और उनके वफ़ादार शहीद साथियों का ग़म पारंपारिक तरीक़े से मना रहे हैं।
पिछले दिनों बहरैन से कुछ ऐसी वीडियो और फोटो सामने आई थीं कि जिनमें पैग़म्बरे इस्लाम (स) के परिजनों के प्रति आले ख़लीफ़ा शासन और उसके एजेंटों की दुश्मनी को साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। आले ख़लीफ़ा शासन ने पिछली कुछ वर्षों की तरह इस साल भी अज़ादारी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का एलान किया था। वहीं आले ख़लीफ़ा शासन के आतंकी सुरक्षा बलों ने इस साल भी इमाम हुसैन (अ) की शोक सभाओं के लिए लगे काले झंडों, बैनरों और धार्मिक सामग्रियों को उतार कर ज़ब्त कर लिया, लेकिन इन सब के बावजूद बहरैन के मुसलमान विशेषकर शिया सभी ख़तरों और अत्याचारों मुक़ाबला करते हुए पूरी शान के साथ अज़ादारी मना रहे हैं। ख़बरों के अनुसार कुछ इसी तरह की स्थिति सऊदी अरब की भी है। (RZ)
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