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अपनी ज़बान को कैसे अपने क़ाबू में रखें? शिया इमामों की नज़र में ज़बान के अधिकार
May ०९, २०२४ १३:०२पार्सटुडेः इस्लाम कहता है कि सबसे बुरा व्यक्ति वह है जिसकी ज़बान से लोग डरते हैं। उस्ताद क़रआती के अनुसार, इंसान को अपनी ज़बान को भद्दे शब्दों के लिए मुंह खोलने की इजाज़त नहीं देनी चाहिए।
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पश्चिम की तीन ख़तरनाक योजना, इस्लामोफोबिया, ईरानोफोबिया और शिया-फोबिया
May ०९, २०२४ १०:०७पार्सटुडेः "मजमये तक़रीबे मज़ाहिबे इस्लामी ईरान" "द वर्ल्ड फोरम फॉर प्राक्सिमिटी ऑफ इस्लामिक स्कूल ऑफ द थॉट" के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम हमीद शहरयारी ने मुस्लिम दुनिया में फूट पैदा करने के लिए वैश्विक अहंकार के लक्ष्यों और योजनाओं को समझाया, और कहा कि इस्लामोफोबिया, शिया-फोबिया और ईरानोफोबिया पश्चिम की ऐसी ख़तरनाक योजना है जो उसने अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बनाई है।
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मौलाना कल्बे जवाब ने आतंकी इस्राईल को मुंहतोड़ जवाब देने का बताया मंत्र, ईरान की तरह हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं अरब देश!
Oct २७, २०२३ १८:०४मजलिसे ओलमाए हिन्द के महासचिव और इमामे जुमा लखनऊ ने जुमे की नमाज़ में दिए गए अपने भाषण में अवैध आतंकी शासन इस्राईल द्वारा किए जाने वाले बर्बरतापूर्ण हमलों और मज़लूम फ़िलिस्तीनी जनता के हो रहे नरसंहार पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ज़ायोनी शासन और उसका समर्थन करने वालों की कड़े शब्दों में निंदा की है।
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इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के भारतीय श्रद्धालुओं के लिए क्या आसान होगा कर्बला का सफ़र?
Oct ०८, २०२३ १८:५९पूरी दुनिया में शिया मुसलमानों की सबसे बड़ी तमन्ना जहां पवित्र हज पर जाना होता है तो वहीं पवित्र नगर कर्बला में स्थित इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रौज़े की ज़ियारत के लिए भी उतनी ही तड़प उनके दिल में होती है। लेकिन हर दिन बढ़ती मंहगाई की वजह से आज भी ऐसे बहुत सारे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चाहने वाले हैं जो कर्बला जाने में अक्षम हैं।
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पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा (स) और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का शुभ जन्म दिवस
Oct ०३, २०२३ ०८:३७ईरान में आज पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स) और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का शुभ जन्म दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
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अरबईन की शुरुआत किसने की? दाइश के ख़तरे के बावजूद किसकी मदद से इराक़ में आयोजित हो रहा है विश्व का यह सबसे बड़ा और अनोखा धार्मिक कार्यक्रम?
Aug ३०, २०२३ १५:३५एक ही वक़्त में एक ही स्थान पर जुटने वाली सबसे बड़ी भीड़ के विश्व-रिकार्ड पर नज़र डालने से पता चलता है कि इराक़ के पवित्र नगर कर्बला में अरबईन के मौक़े पर आयोजित होने वाला धार्मिक कार्यक्रम इस समय, एक वक़्त में एक स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का एकत्रित होना अभूतपूर्व है।
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घाना के शिया प्रमुख ने नाइजर पर हमले की योजना बनाने वालों को दी कड़ी चेतावनी+ वीडियो
Aug २२, २०२३ १८:४२घाना के शिया समुदाय के प्रमुख ने नाइजर पर पश्चिम अफ़्रीक़ी देशों के आर्थिक संगठन (इकोवास) द्वारा संभावित सैन्य हमले के परिणामों के बारे में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अफ़्रक़ी देशों को बाहरी शक्तियों के बहकावे में आए बिना सबसे पहले अपने क्षेत्र के हित के बारे में सोचना चाहिए।
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वीडियो रिपोर्टः शाह चिराग़ पर हुए आतंकवादी हमले की आतंकी अमेरिकी सरकार के अलावा सबने की निंदा! गुटेरेस ने कहा दोषियों को दी जाए कड़ी से कड़ी सज़ा
Aug १६, २०२३ १२:३५ईरान में शाह चिराग़ के पवित्र रौज़े पर हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता और इसी तरह व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में भाग लिया था ... उन्होंने ईरान के 6 अरब डॉलर की रूकी हुई संपत्ति को आज़ाद किए जाने समेत कई अन्य मुद्दों पर बातचीत की ... साथ ही क़ैदियों के अदान-प्रदान के बारे में भी अपना स्टैंड रखा। लेकिन इस दौरान दोनों ही प्रवक्ताओं ने ईरान में हुए आतंकवादी हमले के बारे में एक भी शब्द नहीं बोला ...हालांकि शीराज़ में हुए आतंकवादी हमले के बारे कुछ ...
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आतंकी गुटों के निशाने पर आख़िर क्यों रहते हैं शिया मुसलमानों के पवित्र स्थल और धार्मिक हस्तियां? वजह जानकर आपको भी होगी हैरानी!
Aug १४, २०२३ १९:१५हर सुबह मीडिया के माध्यम से मिलने वाले समाचारों में आतंकी हिंसा के बारे में कोई बुरी ख़बर ज़रूर होती है। शायद ही कोई दिन ऐसा गुज़रता है जिस दिन दुनिया के किसी न किसी हिस्से में किसी न किसी आतंकी घटना में लोगों की बलि न चढ़ती हो। दरअसल आतंकवाद, युद्ध का एक नया रूप हो गया है जो किसी सीमा को नहीं मानता और जिसका कोई स्पष्ट चेहरा भी नहीं होता। यह आतंकवाद आधुनिक तकनीक के साथ जुड़कर दुनिया में क़हर बरपा कर रहा है। साथ ही दुनिया में सबसे ज़्यादा आतंकवाद की अगर कोई बलि चढ़ा है तो वह हैं शिया मुसलमान।
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क्या आप जानते हैं कि आशूरा का आंदोलन क्यों अमर हो गया? अरबईन के मौक़े पर कर्बला में ऐसा क्या दिखता है कि जिसका बयान करना असंभव है!
Aug ०६, २०२३ १६:१३जैसे-जैसे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का चेहलुम क़रीब आता है, उनके चाहने वालों में एक विशेष प्रकार का जोश और जज़्बा जागने लगता है। पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पवित्र परिजनों के कथनों में बताया गया है कि मोमिन की एक निशानी, अरबईन की ज़ियारत है। इमाम हुसैन के चेहलुम के दिन करबला में उपस्थिति का अपना एक विशेष महत्व है। इस दिन करबला में जो चीज़ दिखाई देती है उसका बयान करना संभव ही नहीं। क्योंकि उसको देखने के लिए अरबईन के मौक़े पर कर्बला में होना और अपनी आंखों से देखना ज़रूरी है।