क़ुद्स दिवस पर सना से फ़िलिस्तीनी नेताओं का संदेश
इस साल मनाए जाने वाले क़ुद्स विश्व दिवस की एक विशेषता, यमन की राजधानी सना में आयोजित होने वाली विशाल रैली को फ़िलिस्तीन के जिहादे इस्लामी के नेता ख़ालिद अल-बतश और हमास के नेता इस्माईल हनिया द्वारा संबोधित करना था।
इस्राईल जिस तरह से यमन पर सऊदी अरब और यूएई के हमलों से लाभ उठाने का प्रयास कर रहा है और फ़िलिस्तीन के मुद्दे के समाधान के बिना ही इन देशों के साथ संबंधों को सामान्य बनाना चाहता है, उसका उसी अंदाज़ में जवाब देते हुए फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधी गुट यमनी जन आंदोलन अंसारुल्लाह के नज़दीक चले गए हैं और उन्होंने यमन पर हमलावर देशों के मुक़ाबले में एक नया फ़्रंट बनाने का संकेत दे दिया है।
दूसरे शब्दों में जितना हमलावर और आक्रामक देश एक दूसरे से निकट हो रहे हैं, उसके मुक़ाबले में प्रतिरोधी गुट भी एक साथ आ रहे हैं और एक मज़बूत मोर्चा बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
इसमें कोई शक नहीं है कि 2015 में यमन पर हमले के लिए इस्राईल, अमरीका और पश्चिमी माफ़िया ने अनाड़ी और ग़ैर-अनुभवी सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन ज़ायद को उकसाया था। सिर्फ़ इतना ही नहीं बल्कि इन दोनों हमलावर देशों ने युद्ध और क़ब्ज़े की वही शैली अपनाई जो ज़ायोनी शासन फ़िलिस्तीन और पड़ोसी देशों में अपनाता है। सऊदी अरब और यूएई का भी यही इरादा था कि वह इस पड़ोसी देश पर क़ब्ज़ा कर लेंगे और उसे आपस में बांट लेंगे, लेकिन यमनी जनता के प्रतिरोध ने उनके इस सपने पर पानी फेर दिया और वे यमन पर क़ब्ज़ा करने में नाकाम रहे। हालांकि जिन इलाक़ों पर उन्होंने क़ब्ज़ा कर लिया है वह उन्हें हमेशा अपने क़ब्ज़े में रखना चाहते हैं, यही वजह है कि वे युद्ध विराम का उल्लंघन कर रहे हैं, ताकि युद्ध के समाप्त होने और शांति की स्थापना की स्थिति में उनसे इन इलाक़ों से निकलने के लिए नहीं कह दिया जाए।
आज क्षेत्र के इस्लामी प्रतिरोधी गुट न केवल इस्राईल की साज़िशों को नाकाम बना रहे हैं, बल्कि उसके समर्थक देशों का भी यही हाल है और उन्हें भी क्षेत्र में मुंह की खानी पड़ रही है। क्योंकि इससे पहले कि यह प्रतिरोधी गुट कोई संयुक्त गठबंधन बनाते, अपने तौर पर अपनी दुश्मन शक्तियों को मात दे रहे थे और उनके मुक़ाबले में रणनीतिक बढ़त बनाए हुए थे। इससे पहले तक इस्राईल किसी भी बहाने से ग़ज़्ज़ा पट्टी पर हमला कर दिया था, लेकिन हालिया टकराव के दौरान फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी गुटों के रॉकेटों ने तेल-अवीव तक लक्ष्यों को निशाना बनाकर साफ़ संकेत दे दिया कि अब मारकर भागने के दिन लद गए हैं।
इसी तरह से अंसारुल्लाह ने यूएई और सऊदी अरब में हवाई अड्डों समेत कुछ रणनीतिक लक्ष्यों को सफल रूप से बैलिस्टिक मिसाइलों से निशाना बनाकर हमलावर देशों को संदेश दे दिया कि अगर उन्होंने यमन के ख़िलाफ़ अपने अत्याचार इसी तरह से जारी रखे तो उन्हें इसकी भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।