हसन नसरुल्लाह की चेतावनी के बाद बैकफुट पर आया इस्राईल
एक ज़ायोनी अधिकारी ने यह स्वीकार किया कि इस्राईल ने तकनीकी समस्या का हवाला देते हुए हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की चेतावनी के बाद गैस की निकासी बंद कर दी है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ज़ायोनी शासन के एक अधिकारी ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा है कि इस्राईल ने हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की धमकी को गंभीरता से लेते हुए और उससे भयभीत होकर गैस निकालने के काम को पूरी तरह बंद कर दिया है। जबकि गैस निकासी के काम के बंद होने का कारण इस्राईल ने तकनीकी ख़राबी बताया है। सूत्रों के अनुसार, अवैध ज़ायोनी शासन के अधिकारी दुनिया को यह समझाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं कि लेबनान के साथ उनका समुद्री सीमा समझौता हिज़्बुल्लाह के डर के कारण नहीं है, जबकि ज़ायोनी विशेषज्ञों और विश्लेषकों का कहना है कि ज़ायोनी शासन ने हिज़्बुल्लाह ने महासचिव की धमकी को बहुत ही गंभीरता से लिया है और उसी से डरकर कारीश ऑयल फ़ील्ड से अस्थायी रूप से गैस निकासी को बंद कर दिया है।
इस्राईल के टीवी चैनल-12 ने अरब मामलों पर एक ज़ायोनी विशेषज्ञ के साथ एक साक्षात्कार प्रसारित किया, जिसमें तसवी यहज़ेकीली नामक एक ज़ायोनी विशेषज्ञ ने कहा, "प्रधानमंत्री ने जो कहा, उससे मुझे पता चला कि गैस निकालने के काम पर रोक कुछ तकनीकी कारणों से है। कठिनाई।" नहीं, लेकिन नसरल्लाह की धमकियों के कारण, जिसका इस्राईल पर गहरा प्रभाव पड़ा है, और गैस निकासी को रोकने के लिए तकनीकी कठिनाइयों के बहाने का उपयोग करना सिर्फ एक बहाना है। याद रहे कि कारीश ऑयल फ़ील्ड इलाक़े से लेबनान के अधिकारों के न मिलने पर हिज़्बुल्लाह ने अवैध ज़ायोनी शासन को कड़ी चेतावनी के साथ-साथ इसके परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। इसके अलावा हिज़्बुल्लाह ने अपने तीन ड्रोनों को विवादित क्षेत्र में भेजा था, जिसके बाद इस्राईल डरकर वार्ता करने के लिए तैयार हो गया था। (RZ)
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