ट्यूनीशिया भी हुआ सीरिया के नज़दीक
(last modified Sun, 12 Mar 2023 09:08:49 GMT )
Mar १२, २०२३ १४:३८ Asia/Kolkata

ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि वे सीरिया के साथ अपने देश के संबन्ध सामान्य कर रहे हैं।

क़ैस सईद ने कहा कि एसा कोई भी कारण मौजूद नहीं है कि दमिश्क़ में ट्यूनिश का और ट्यूनीशिया में सीरिया का राजदूत न हो।  इसी के साथ ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि उनका देश किसी भी स्थति में सीरिया के टुकड़े नहीं देखना चाहता।  क़ैस सईद का यह बयान सीरिया को अलग-थलग रखने के पश्चिम के षडयंत्र के लिए बुरी ख़बर साबित होगा। 

हालांकि अमरीका के नेतृत्व मे पश्चिम अब भी सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद के विरुद्ध षडयंत्रकारी नीतियां अपनाए हुए है।  इसीलिए वह सीरिया के साथ किसी भी देश के संबन्ध स्थापित करने से खुश नहीं हैं।  पश्चिम की इस नीति के विरोध में अब वे अरब देश भी आ चुके हैं जो लंबे समय से बश्शार असद की सराकर का विरोध करते आए हैं और साथ ही सीरिया में सक्रिय आतंकी गुटों का समर्थन करते रहे हैं।  इसी संदर्भ में अरब देशों के कई संसद सभापतियों ने हाल ही में सीरिया की यात्रा करके इस देश के राष्ट्रपति बश्शार असद से भेंट वार्ता की है। 

हालिया 12 वर्षों में अभूतपूर्व क़दम उठाते हुए 26 फरवरी 2023 को यूएई, जार्डन, इराक़, फिलिस्तीन, लीबिया, मिस्र, लेबनान के संसद सभापतियों ने दमिश्क़ की यात्रा की थी।  इससे एक दिन पहले 25 फरवरी को मुहम्मद अलहलबूसी ने अरब देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में यह मांग की थी कि सीरिया को अरब जगत में वापस लाया जाए। 

सन 2011 में सऊदी अरब और उसके कुछ अरब घटक देशों ने दमिश्क़ से अपने राजदूतों को वापस बुलाते हुए सीरिया के साथ अपने कूटनीतिक संबन्ध समाप्त कर लिए थे।  इस दौरान वे सीरिया में लड़ने वाले आतंकी गुटों का आर्थिक और सैन्य समर्थन करते रहे।  एसा लगता है कि अब इन देशों को यह बात समझ में आ गई है कि पश्विम के उकसावे में सीरिया जैसे अरब देश के साथ संबन्ध विच्छेद करके उन्होंने ग़लत काम किया।  इसीलिए अब वे दमिश्क़ के साथ अपने कूटनैतिक संबन्ध स्थापित करने जा रहे हैं। 

अरब देशों का यह फैसला एक हिसाब से अमरीकी नीतियों के विरोध के अर्थ में है क्योंकि अबतक यही देश हर स्तर पर सीरिया का विरोध करते आ रहे थे।  अमरीकी सरकार आरंभ से ही सीरिया की वैध सरकार को गिराने में लगी हुई थी।  यही कारण है कि सीरिया के साथ संबन्ध सामान्य करने के अन्य देशों के प्रयासों का वह विरोध कर रही थी।  वर्तमान समय में सीरिया में सक्रिय उन आतंकी गुटों की भी हवा निकल चुकी है जिनको पश्चिम का खुला समर्थन हासिल था। 

वर्तमान समय में तुर्की तथा पश्चिमी के समर्थन के कारण सीरिया के इदलिब प्रांत में कुछ आतंकी गुट बचे हुए हैं जबकि बाक़ी सब सीरिया की सेना के मुक़ाबले में भाग खड़े हुए।  जहां सीरिया की सरकार का विरोध करने वाले आतंकी गुट मैदान से पीछे हट चुके हैं वहीं पर अरब देशों के नेता मैदान में सामने आकर सीरिया से संबन्ध सामान्य करने में लगे हुए हैं। 

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