हमास को ख़त्म करने का सपना, क्या साकार हो सकेगा?
ग़ज़्ज़ा युद्ध का तीसरा महीना चल रहा है लेकिन ज़ायोनी शासन हमास के विनाश सहित अपने सैन्य लक्ष्यों को हासिल करने में सफल नहीं हो सका है। ज़ायोनी शासन ने ग़ज़्ज़ा में अपने व्यापक और विस्तृत सैन्य अभियान का लक्ष्य हमास को नष्ट करना घोषित किया है।
यह शासन यह सोचता था कि एक ओर तूफ़ान अल-अक्सा ऑप्रेशन हमास के लड़ाकों द्वारा किया गया था और इस ऑप्रेशन में विफलता की भरपाई हमास के विनाश के अलावा संभव ही नहीं है और और दूसरी ओर वह हमास को नष्ट करके अपने ख़िलाफ़ एक सतत और स्थायी ख़तरे को दूर कर देगा।
हालांकि ग़ज़्ज़ा के खिलाफ युद्ध को लगभग 70 दिन बीत चुके हैं और इस्राईल न केवल हमास को खत्म करने में विफल रहा है बल्कि ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ युद्ध जारी रहने की वजह से उन्हें हर ओर से आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है।
पिछले दिनों कई पश्चिमी और यूरोपीय हस्तियों ने कहा है कि हमास एक विचारधारा है और इसे ख़त्म करना संभव नहीं है। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रभारी जोसेप बोरेल ने हाल ही में बार्सिलोना में एक बैठक में कहा कि हमास एक विचारधारा है और इसे ख़त्म नहीं किया जा सकता है।
इससे पहले अमेरिकी काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के प्रमुख रिचर्ड हास ने कहा था कि हमास को खत्म नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक विचारधारा है।
इन व्यापक आलोचनाओं के बाद इस्राईल के युद्ध मंत्री यूवाव गैलेंट ने हमास के साथ युद्ध की कठिनाई की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह युद्ध कई महीनों तक चल सकता है।
सच तो यह है कि एक थका देने वाले युद्ध से भी हमास का सफ़ाया नहीं हो सकता क्योंकि हमास को भारी जनसमर्थन प्राप्त है।
एक ओर हमास के पास एक जटिल और बड़ा संगठन है क्योंकि पिछले दो महीनों में वेस्ट बैंक के लगभग 4 हज़ार फ़िलिस्तीनियों को ज़ायोनी शासन ने पकड़ लिया था और इनमें से अधिकांश क़ैदी हमास आंदोलन के सदस्य हैं।
ग़ज़्ज़ा पट्टी में पिछले दो महीनों में यह आंदोलन जिहादे इस्लामी और अन्य गुटों की मदद से इस्राईलियों के ख़िलाफ भीषण युद्ध शुरु करने में सफल रहा है और उसका स्थिति पर पर तरह नियंत्रण है। दूसरी ओर हमास को फ़िलिस्तीनियों का भरपूर समर्थन हासिल है और इसी समर्थन की वजह से हमास को नष्ट करना असंभव है।
इस्राईलियों को उम्मदी थी कि ग़ज्ज़ा पट्टी के निवासियों के जनंसहार और इस क्षेत्र के भारी विनाश की वजह से स्थानीय लोग हमास आंदोलन का समर्थन करना बंद कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इसके विपरीत उन्होंने हमास का समर्थन और भी तेज़ कर दिया।
फ़िलिस्तीनी समाज और ग़ज़्ज़ा पट्टी के एक हिस्से के रूप में हमास ने फ़िलिस्तीन की आज़ादी के लिए सैकड़ों और हज़ारों शहीदों का बलिदान दिया है और इसके परिणामस्वरूप उसने मुख्य रूप से फिलिस्तीनियों में अपनी जगह बना रखी है इसीलिए यह कहा जा सकता है कि हमास को ख़त्म करने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता। (AK)
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