ग़ाज़ा पट्टी में फ़िलिस्तीनी बच्चों की स्थिति क्या है?
पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने ग़ाज़ा में बच्चों की भयावह स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है।
फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि ज़ायोनी शासन द्वारा मानवीय सहायता काफ़िलों पर हमले और ग़ाजा की आबादी को जानबूझकर भूखा रखने की नीति के कारण अस्पतालों और आपातकालीन विभागों में सभी उम्र के मरीजों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
पार्स टुडे ने अल-मयादीन के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा है कि ज़ायोनी शासन द्वारा ग़ाजा की आबादी को भूखा रखने की नीति को जारी रखने के कारण 6,50,000 से अधिक बच्चे मौत के कगार पर पहुंच गए हैं।"
फ़िलिस्तीन से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार मानवीय संकट गहरा गया है और मानवीय सहायता पर हमलों ने स्थिति को और अधिकि विषम व विकट बना दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बहुत बढ़ गया है और अस्पतालों और आपातकालीन विभागों में मरीजों की संख्या में अभूतपूर्व ढंग से वृद्धि हो गयी है और 6.5 लाख से अधिक बच्चे गंभीर जीवन संकट का सामना कर रहे हैं जबकि अब तक 69 बच्चे कुपोषण के कारण अपनी जान गँवा चुके हैं
भोजन और दवाइयों की कमी से मरने वालों की संख्या 620 को पार कर चुकी है और ग़ाज़ा के सभी बॉर्डर क्रॉसिंग पूर्ण रूप से 139 दिनों से बंद हैं
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 76,000 से अधिक मानवीय सहायता और ईंधन से लदे ट्रकों को अंदर आने से रोका गया है।
गाजा में 57 मानवीय सहायता वितरण केंद्रों को निशाना बनाया जा चुका है
121 बार मानवीय सहायता काफिलों पर हमला किया जा चुका है
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया: महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस स्थिति को "मानवता के ख़िलाफ़ अपराध" क़रार दिया है।
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने चेतावनी दी है कि ग़ाज़ा में अकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।
मानवाधिकार संगठनों की चिंता: एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे "युद्ध अपराध" बताया है। मानवाधिकार संगठन तत्काल युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। MM