प्रतिरोधकर्ताओं की मांगें मानी जाएं,इस्राईल में उठने लगी आवाज़ें
इस्राईली बंधकों के परिजनों ने ग़ज़्ज़ा में तत्काल संघर्ष विराम की मांग की है।
इस्राईली बंधकों के परिजनों का कहना है कि प्रतिरोधकर्ताओं की शर्तों को मानकर हमारे लोगों को स्वतंत्र कराया जाए।
बहुत से इस्राईली बंधकों के परिजन यह मानते हैं कि ज़ायोनी सेना, हमास को पराजित नहीं कर पाएगी। उनका कहना है कि एसे में ज़ायोनी सेना को ग़ज़्ज़ा से वापस आ जाना चाहिए। वे यह कह रहे हैं कि नेतनयाहू के मंत्रीमण्डल की दृष्टि में हमारे बंधकों का कोई महत्व नहीं है। वे युद्ध को बढ़ाकर हमाने परिजनों के जीवन को अधिक ख़तरे में डाल रहे हैं।
उनका यह भी कहना है कि जब ज़ायोनी सेना की प्रतिरोध के मुक़ाबले में पराजय हो चुकी है तो फिर जीत की बात करना अर्थहीन है। एसे में बंधकों को आज़ाद कराने के लिए हमें झुकना पड़ेगा।
इस्राईली बंधकों के परिजन पहले भी कई बार अपने रिश्तेदारों की आज़ादी के लिए विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। इस बार उन्होंने ज़ायोनी प्रधानमंत्री नेतनयाहू के घर की ओर जाने वाले मार्ग पर शनिवार से धरना देना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जबतक हमारे रिश्तेदार आज़ाद नहीं हो जाते हम धरना समाप्त नहीं करेंगे।
बहुत से टीकाकार यह मानते हैं कि अपने मंत्रीमण्डल के भंग हो जाने के भय से नेतनयाहू युद्ध को प्राथमिकता दे रहा है। उसका मानना है कि यदि संघर्ष विराम करके शांति स्थापित हो जाती है तो उसका मंत्रीमण्डल धराशाई हो सकता है।
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