तेलअवीव पर यमन का ड्रोन हमलाः 6 महत्वपूर्ण बिन्दु जिस पर इस्राईली सरकार और उसके समर्थकों को ध्यान देना चाहिये
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बायीं तरफ़ तस्वीरः यहिया सरी, यमन की सशस्त्र सेना के मशहूर व महबूब प्रवक्ता
पार्सटुडे- तेलअवीव में ज़ायोनी सरकार के केन्द्र में शुक्रवार को सुबह ड्रोन हमला किया गया जिसमें एक ज़ायोनी मारा गया और सात अन्य घायल हो गये।
इस हमले के बाद यमन की सशस्त्र सेना ने कहा है कि यह हमला यमनी सेना ने याफ़ा ड्रोन से अंजाम दिया है। याफ़ा अरबी और अतिग्रहण से पहले तेलअवीव का असली नाम है।
याफ़ा वह ड्रोन है जो राडार की पकड़ में नहीं आता है और इसे यमन ने बनाया है और वह आधुनिकतम सिस्टम को पार कर सकता है। इसी प्रकार यह ड्रोन लगभग दो हज़ार किलोमीटर तक उड़ सकता है।
ज़ायोनी संचार माध्यमों ने इस ड्रोन के पहलुओं को बड़ा बताया और कहा है कि यह ड्रोन समुद्र की तरफ़ से कम ऊंचाई पर तेलअवीव के निकट हुआ और प्रतिरक्षा के समस्त सिस्टमों को पार करके तेलअवीव पहुंचा।
इस हमले से ज़ायोनी सरकार के अधिकारी और उसके पश्चिमी घटक बहुत क्रोधित हुए हैं।
पार्सटुडे ने इस हमले पर कुछ पहलुओं से दृष्टि डाली है। यहां हम कुछ बिन्दुओं की ओर संकेत कर रहे हैं जिन पर ज़ायोनी सरकार और उसके समर्थकों को ध्यान देना चाहिये।
यमन के भयानक हमले जारी
यह यमन के अंसारुल्लाह और यमनियों की ओर से ज़ायोनी सरकार की तथाकथित राजधानी तेलअवीव पर पहला हमला
यमन की सशस्त्र सेना ने इससे पहले कहा था कि जब तक ज़ायोनी सरकार ग़ज़ा पट्टी पर अपने हमलों और इस क्षेत्र के लोगों की हत्या व नरसंहार को बंद नहीं करती और इसी प्रकार उनके ख़िलाफ़ मानवता प्रेमी कार्यवाहियों को बंद नहीं करती है तब तक वह न केवल अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की ओर जाने वाले जहाज़ों पर हमलों को बंद नहीं करेगी बल्कि इस्राईल के अंदर भी हमले करेगी।

तेलअवीव पर यमन का ड्रोन हमला
इस संबंध में यमनी सेना के प्रवक्ता ने बल देकर कहा है कि हम ज़ायोनी दुश्मन के अंदर मोर्चे पर ध्यान केन्द्रित करेंगे और इस सरकार के केन्द्र को लक्ष्य बनायेंगे। हमारे पास अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में लक्ष्य बनाने के बैंक मौजूद हैं कि उनमें से सैनिक और संवेदनशील लक्ष्य हैं। इसी प्रकार उन्होंने बल देकर कहा कि हम ग़ज़ा के संघर्षकर्ताओं और इस्लामी और अरब उम्मत का समर्थन जारी रखेंगे। जब तक जंग और ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनी जनता का परिवेष्टन जारी रहेगा तब तक हमारे हमले भी जारी रहेंगे।
इस्राईल को अंदर से सैनिक और रक्षा संकट का सामना है
अंसारुल्लाह की कार्यवाही ने जंग को अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की सीमा के अंदर उसकी राजधानी तक पहुंचा दिया है। इस चीज़ से जंग को ख़त्म करने के लिए अंदर से नेतनयाहू पर दबाव बढ़ जायेगा। यद्यपि इस्राईली अधिकारियों ने अपनी आरंभिक प्रतिक्रिया में इस कार्यवाही पर हैरानी जताई है परंतु इसके आयामों के स्पष्ट हो जाने के बाद प्रतिक्रिया विस्तृत व अधिक हो गयी है।
इस संबंध में इस्राईल की आंतरिक सुरक्षा के मंत्री इत्मार बिन गोविर ने तेलअवीव पर हमले को हर मोर्चे पर नाकामी का नाम दिया। इसी प्रकार ज़ायोनी संचार माध्यमों ने भी इस हमले के आयामों की ओर संकेत करते हुए कहा है कि ज़मीनी, हवाई और समुद्री सिस्टमों व रक्षा तंत्रों ने इस ड्रोन को तेलअवीव में दाखिल होने तक निगरानी नहीं की है और यह बहुत बड़ी ग़लती व भूल है।
इसी बीच बिन गोविर ने इस कार्यवाही के बाद लिखा कि इस्राईल की रेड लाइन का उल्लंघन हुआ है और जो लोग कोरियात शमूना और सेदूरूत पर हमलों को नियंत्रित करना चाहते हैं उन्हें तेअलवीव में निशाना बनाया जाता है।
अमेरिका द्वारा इस्राईल का समर्थन प्रभावी नहीं
अमेरिका ने यमन के हमलों के मुक़ाबले में रुकावट व बाधा उत्पन्न करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी दुष्प्रचार किया और यमन को वैश्विक ख़तरा बताने की कोशिश की। इसी प्रकार उसने विश्व के बहुत से देशों को यमन पर हमले में शामिल होने के लिए प्रयास किया। इस समय अमेरिकी कार्यवाहियां इस बात की सूचक हैं कि अमेरिका ने इस्राईल के समर्थन के लिए जो किया वह उनकी नाकामी की परिचायक हैं।
वास्तव में शुक्रवार को तेलअवीव पर यमन के ड्रोन आक्रमण ने एक बार फ़िर यह साबित कर दिया कि इस्राईल की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने में अमेरिका नाकाम है।
फ़िलिस्तीन में इस्राईल के सुरक्षा केन्द्र सुरक्षित नहीं रहेंगे
यमन ने इस्राईल पर जो ड्रोन हमला किया वह अमेरिका के लिए भी चेतावनी था विशेषकर इसलिए कि जहां पर ड्रोन हमला हुआ वहां से अमेरिकी दूतावास लगभग 100 मीटर की दूरी पर था। वास्तव में यह हमला अमेरिका और इस्राईल के पश्चिमी घटकों के लिए गम्भीर चुनौती था कि वे इस्राईल की अतिक्रमणकारी नीतियों का समर्थन छोड़ दें और जंग को समाप्त करने और फ़िलिस्तीनियों की हत्या व नरसंहार को बंद करने का मार्ग प्रशस्त करें।
अगर जंग का दायरा बढ़ा तो इस्राईल का अंत समय से पहले हो जायेगा
इस हमले के बाद हमास ने एक बयान जारी करके यमन की सशस्त्र सेना और अंसारुल्लाह के अद्वितीय हमले की प्रशंसा की और उसे मुबारकबाद दी। इस बयान में आया है कि जो काम यमन में अंसारुल्लाह बरादरान और लेबनान और इराक़ में प्रतिरोधक मोर्चे अंजाम दे रहे हैं वह फ़ाशिस्ट ज़ायोनी सरकार के हमलों से मुक़ाबले के लिए प्रतिरोध और फ़िलिस्तीनी जनता का असली व मूल अधिकार है।
लेबनान की संसद में प्रतिरोधक धड़े के एक सदस्य हसन फ़ज़्लुल्लाह ने बल देकर कहा कि तेलअवीव के ख़िलाफ़ यमन की सशस्त्र सेना का हमला ज़ायोनी सरकार के लिए स्पष्ट संदेश है कि उसका केन्द्र व गढ़ भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि यमन ने हमला करके यह सिद्ध कर दिया है और समस्त सायरन, दुश्मन और उसके समर्थकों की तकनीक धरी की धरी रह गयी। इस आधार पर ज़ायोनी सरकार को इस बात को समझना चाहिये कि व्यापक और कई मोर्चों से जंग आरंभ होने की स्थिति में उसकी क्या स्थिति होगी।
प्रतिरोध के मोर्चे के पास नये उदाहरण व आदर्श उत्पन्न करने की क्षमता है।
पिछले महीनों में इस्राईली अधिकारी अतिक्रमण और ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार की नीति के जारी रखने पर आग्रह करते और बल देते थे और उन्होंने इस बात की अनुमति नहीं दी कि ग़ज़ा युद्ध को समाप्त कराने के लिए वार्ता किसी परिणाम पर पहुंचे।
इस आधार पर यमनी सैनिकों की कार्यवाही ने दर्शा दिया कि फ़िलिस्तीनी अकेले नहीं हैं और इस्लामी देश सदैव उनके अधिकारों के समर्थक रहे हैं और इस संबंध में नये आदर्श व उदाहरण अस्तित्व में आये हैं।
इसी संबंध में अंसारुल्लाह संगठन के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य हेज़ाम अलअसद ने चेतावनी दी है कि हम दुश्मन के ख़िलाफ़ कार्यवाही व हमले में नई स्ट्रैटेजी में दाख़िल हो गये हैं और इस्राईली दुश्मन को चाहिये कि वह समस्त अतिग्रहित शहरों में असुरक्षा का आभास करे।
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MM
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