सिस्टमैटिक यौन उत्पीड़न, ज़ायोनी समाज के सबसे अंधकारमय पहलुओं का पर्दाफ़ाश
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सिस्टमैटिक यौन उत्पीड़न, ज़ायोनी समाज के सबसे अंधकारमय पहलुओं का पर्दाफ़ाश
पार्सटुडे - मक़बूज़ा क्षेत्रों में तल्मूदिक सामूहिक समारोहों में बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के नए ब्योरों के सामने आने की वजहज से ज़ायोनी समाज गंभीर सदमे में है।
अल-अरबी अल-जदीद समाचार वेबसाइट ने हाल ही में एक लेख में लिखा: इज़राइल की न्यायिक प्रणाली वर्तमान में नैतिक भ्रष्टाचार के दो मामलों की जांच कर रही है जिन्हें ग़ज़ा युद्ध के घटनाक्रम और इज़राइली मीडिया पर इसके प्रभुत्व के कारण छुपाया गया है।
पार्सटुडे के अनुसार, पिछले सप्ताह मंगलवार को, इज़राइली सैन्य पुलिस ने हाइट्स रडार सिस्टम में काम करने वाले सात सैनिकों को यूनिट में अपने सहयोगियों के खिलाफ यौन और मनोवैज्ञानिक हमलों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया।
ज़ायोनी अखबार येदियेत अहरोनोथ ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि ये कार्य नए सैनिकों के प्रति अनुभवी सैनिकों के सामान्य व्यवहार का हिस्सा थे, और इसमें उनका अपमान और यौन तथा मनोवैज्ञानिक हमला भी शामिल था।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि दर्जनों ज़ायोनी सैनिक इन कार्रवाइयों के शिकार हुए हैं और यौन उत्पीड़न की जांच अभी भी जारी है। सूत्रों का कहना है कि इनमें से कुछ कार्रवाइयां ज़ायोनी शासन द्वारा ईरान पर किए गए आक्रमण और जवाबी कार्रवाई "प्रॉमिस ऑफ़ ट्रुथ 3" के दौरान हुई होंगी, जब ज़ायोनी शासन की एयर फ़ोर्स को सबसे ज़्यादा व्यस्त और अपने मिशन पर होना चाहिए था!
तल्मूदिक संस्थाओं के शिकार बच्चे
दूसरा मामला, मक़बूज़ा क्षेत्रों के मध्य में स्थित ब्नेई ब्राक शहर के हरेदी समुदाय में तल्मूदिक चरमपंथियों के खिलाफ कई शिकायतों से संबंधित है, जो पिछले दो दशकों में बच्चों के व्यापक यौन शोषण का संकेत देते हैं।
बताया जा रहा है कि इस मामले में बड़ी संख्या में पीड़ित ऐसे हैं जिन्हें इन अपराधों के दोषियों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज न कराने की धमकी दी है।
येदियेत अहरोनोत ने कहा कि ज़ायोनी संगठन "हाशोमिरिम" के प्रमुख और शहर के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक चैम रोत्तिर, बल और हिंसा के प्रयोग के साथ-साथ कई वर्षों से किशोरों के यौन उत्पीड़न में शामिल रहे होंगे।
रोटियर को पिछले हफ़्ते बेन गुरियन हवाई अड्डे पर गिरफ़्तार कर लिया गया और उससे पूछताछ की गई। इस मामले में एक और हरेदी धार्मिक नेता की भी जांच चल रही है, जिस पर 25 सालों से किशोरों और बच्चों के साथ बलात्कार का आरोप है।
इस बलात्कार के शिकार 12 साल और उससे ज़्यादा उम्र के बच्चे थे, और प्रतिवादियों को बलात्कार, यौन उत्पीड़न और सत्ता के दुरुपयोग का दोषी ठहराया गया था।
रोटियर के एक करीबी सहयोगी योएल यूसुफ को हाल ही में गिरफ्तार किया गया है और वह इस मामले के अन्य आरोपियों में से एक है। उसने कई सालों तक इन अपराधों के पीड़ितों को चुप कराने में अहम भूमिका निभाई है।
अब तक 10 से ज़्यादा पीड़ितों ने आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज कराई है। पीड़ितों ने इन अपराधों के सामने चुप्पी तोड़ने की अपील की है और दूसरों से भी आग्रह किया है कि अगर वे भी इन अपराधों के शिकार हैं तो अपनी चुप्पी तोड़ें और आगे आएं।
कठोर और दर्दनाक स्वीकारोक्ति
बच्चों के तल्मूदिक सामूहिक बलात्कार में भाग लेने वाली महिलाओं में से एक, याएल एरियल, जिन्होंने ज़ायोनी नेसेट के सत्र में भाषण दिया, ने तल्मूदिक समारोहों के दौरान हरेदी समुदाय में बच्चों के खिलाफ होने वाले खतरनाक यौन हमलों के बारे में कठोर स्वीकारोक्ति की।
उन्होंने इज़राइली चैनल 13 को एक साक्षात्कार भी दिया और कहा कि वह एक बच्चे के रूप में इस गिरोह में शामिल हो गए थे और 20 साल की उम्र तक उन्हें ये अपराध और हिंसा पर मजबूर किया गया था। इस साक्षात्कार में, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें पता था कि वर्तमान और पूर्व नेसेट सदस्यों सहित वरिष्ठ इज़राइली अधिकारी इन बलात्कारों में शामिल थे।
इस ज़ायोनी महिला ने मामले को बंद करने के लिए दबाव और धमकियों की रिपोर्ट की और कहा कि उसे कार्यक्रम के दौरान कई बच्चों का बलात्कार करने पर मजबूर किया गया था, लेकिन ये कृत्य उसकी अपनी इच्छा से नहीं थे और वह इन बलात्कारों के बारे में बोलने में आज अपनी ज़िम्मेदारी समझती है।
ज़ायोनी समाचार पत्र येदियेत अहरोनोत द्वारा की गई जांच में, कई अन्य महिलाओं से भी साक्षात्कार लिया गया और उन्होंने स्वीकार किया कि सामूहिक तल्मूदिक समारोहों का उपयोग किशोर लड़कियों और लड़कों के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के लिए किया जाता है।
ये बलात्कार अक्सर तल्मूदिक समारोहों के बहाने प्रभावशाली लोगों द्वारा किए जाते हैं। इस मामले की पीड़ितों के अनुसार, इनमें से कुछ लोग डॉक्टर या शिक्षक, पुलिस अधिकारी, या इज़राइली नेसेट के वर्तमान और पूर्व सदस्य हैं।
टैस मायर एक और पीड़िता हैं जो छह साल की उम्र में इन समारोहों में अपनी उपस्थिति का ज़िक्र करती हैं और इस बात पर ज़ोर देकर कहती हैं कि उन्होंने कई बार बलात्कार की घटनाओं का सामना करना पड़ा। वह कहते हैं कि इनमें से एक बलात्कार में उनकी जान को ख़तरा पड़ गया था और उनकी सांस भी रुक गयी थी।
मामले की एक अन्य पीड़िता ने मामले को बंद करने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी और कहा कि उसने अपील दायर करके मामले को पुनः खुलवाया था और वह गर्भवती होने के बावजूद गवाही देने के लिए अदालत में बुलाया गया था।
एक अन्य पीड़िता याएल शत्रित का कहना है कि उसके साथ तीन वर्ष की उम्र से बलात्कार किया जा रहा था। उसका कहना है कि उस समय उसे अपने साथ हो रहे बलात्कारों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के समर्थन के लिए बनी संस्था की कार्यकारी निदेशक नामाह गोल्डबर्ग का कहना है कि ये सबूत नए नहीं हैं और सालों से मौजूद हैं, लेकिन पुलिस इन मामलों से ठीक से निपट नहीं रही है।
उनका कहना है कि उन्होंने सालों से बच्चों के साथ होने वाले इन क्रूर बलात्कारों के बारे में बहुत कुछ सुना है। (AK)