वहाबी, ज़ायोनियों से भी अधिक उग्र हैंः हसन नसरुल्लाह
लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के महासचिव ने आतंकियों को मिलने वाले विदेशी समर्थन को सीरिया में शांति स्थापना के मार्ग में मुख्य बाधा बताया है।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने लेबनान में मुहर्रम के अवसर पर शोक सभाओं का आयोजन करने वालों के साथ अपनी वार्षिक बैठक में सीरिया संकट के लम्बा खिंचने के कारणों का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ पश्चिमी व क्षेत्रीय देशों द्वारा सीरिया में आतंकियों के व्यापक समर्थन के कारण, निकट भविष्य में इस संकट के राजनैतिक समाधान की संभावना दिखाई नहीं पड़ती। उन्होंने लेबनान के आंतरिक मामलों के बारे में कहा कि देश में राष्ट्रपति का पद ख़ाली पड़ा रहने के कारण, लेबनान उचित स्थिति में नहीं है और इस लिए सभी को अपने देश की सुरक्षा व स्थिरता की रक्षा के लिए राष्ट्रपति के चयन के संबंध में मतभेदों को भुला देना चाहिए।
लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के महासचिव ने इस्राईल की ओर से युद्ध शुरू करने की संभावना के बारे में कहा कि कुछ अरब पक्षों के समर्थन से ज़ायोनी शासन द्वारा तकफ़ीरी शत्रुओं को हथकंडे के रूप में इस्तेमाल करते हुए लेबनान के ख़िलाफ़ युद्ध आरंभ करने का अवसर उपलब्ध हुआ है लेकिन चूंकि इस शासन को अपनी जीत का विश्वास नहीं है इस लिए वह लड़ाई आरंभ करने में हिचक रहा है। सैयद हसन नसरुल्लाह ने गत 25 मई को ग्रोज़नी में आयोजित मुस्लिम धर्मगुरुओं के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में वहाबियत को इस्लाम की छवि बिगाड़ने के लिए दोषी ठहराए जाने के फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वहाबी, ज़ायोनी से भी अधिक उग्र हैं क्योंकि वे इस्लाम व उसके इतिहास से जुड़ी हर चीज़ को समाप्त कर देना चाहते हैं और यह साज़िश 2011 से अब तक जारी है। (HN)