बहरैन में क्रान्ति की वर्षगांठ से पहले प्रदर्शन हुए तेज़
(last modified Thu, 02 Feb 2017 13:14:32 GMT )
Feb ०२, २०१७ १८:४४ Asia/Kolkata
  • बहरैन में क्रान्ति की वर्षगांठ से पहले प्रदर्शन हुए तेज़

बहरैन में जनक्रान्ति की छठी वर्षगांठ से पहले राजनैतिक विरोध के स्वर को दबाने के लिए शासन की दमनकारी कार्यवाही की निंदा में एक बार फिर जनता सड़कों पर आयी।

प्रेस टीवी के अनुसार, यह प्रदर्शन बुधवार की शाम राजधानी मनामा के दक्षिण में स्थित सितरा द्वीप में आयोजित हुआ जिसमें लोगों के हाथों में इस देश के वरिष्ठ धर्मगुरु शैख़ ईसा क़ासिम की तस्वीरें थीं कि जिनकी नागरिकता बहरैनी शासन ने रद्द कर दी है। बहरैनी जनता ने 79 साल के धर्मगुरु के समर्थन में नारे लगाए। इसी प्रकार बहरैनी जनता ने आले ख़लीफ़ा शासन की दमनकारी नीति के ख़िलाफ़ प्रतिरोध जारी रखने पर बल दिया।

आले ख़लीफ़ा शासन के सैनिकों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लोगों पर आंसू गैस के गोले फ़ायर किए और रबर की गोलियां चलायीं कि इस दौरान किसी के घायल या किसी के गिरफ़्तार होने की तुरंत कोई रिपोर्ट नहीं थी।

मनामा शासन ने शैख़ ईसा क़ासिम पर काले धन को सफ़ैद करने और आतंकवाद का समर्थन करने के आरोप में उनकी नागरिकता रद्द कर दी है। अपने ऊपर लगे आरोप को शैख़ ईसा क़ासिम ने कड़ाई से रद्द किया है।(MAQ/N)