सीरिया संकट पर जेनेवा में कठिन वार्ता
सीरिया संकट पर जेनेवा में वार्ता जारी है और वार्ता में शामिल लोगों का कहना है कि सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हो रही है।
वार्ता में एक प्रतिनिधिमंडल सीरियाई सरकार की ओर से गया है जबकि विरोधियों की ओर से तीन प्रतिनिधिमंडल वार्ता में शामिल हुए हैं। विरोधियों का एक प्रतिनिधिमंडल वह है जिसे मास्को का समर्थन प्राप्त, दूसरा प्रतिनिधिमंडल वह है जिसे सऊदी अरब का समर्थन प्राप्त है और तीसरा प्रतिनिधिमंडल वह है जिसे मिस्र का समर्थन है। इन प्रतिनिधिमंडलो के बीच जेनेवा में महत्वपूर्ण वार्ता हो रही है। सीरिया के मामलों में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष दूत स्टीफ़न दी मिस्तूरा कोशिश कर रहे हैं कि विरोधियों के तीनों प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों पर आधारित एक ही प्रतिनिधिमंडल बन जाए जो सीरियाई सरकार के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करे।
सीरियाई सरकार की से जेनेवा जाने वाला प्रतिनिधिमंडल कई बार कह चुका है कि आतंकवाद से लड़ाई और राजनैतिक सुधार के सभी मुद्दों पर एक साथ वार्ता हो लेकिन आतंकवाद पर विशेष रूप से वार्ता होना ज़रूरी है क्योंकि कोई भी राजनैतिक योजना उस समय तक सफल नहीं होगी जब तक आतंकवाद की समस्या का हल नहीं निकाल लिया जाता।
कुछ सूत्रों का कहना है कि जेनेवा वार्ता 3 मार्च को समाप्त हो जाएगी जबकि वार्ता का अगला चरण 20 मार्च से शुरू होगा।
वर्तमान वार्ता 23 फ़रवरी से शुरू हुई है।