ज़ायोनी सरकार द्वारा ईरान पर सैनिक अतिक्रमण से संबंधित वास्तविकतायें, बयान और झूठ
(last modified Sat, 26 Oct 2024 14:17:48 GMT )
Oct २६, २०२४ १९:४७ Asia/Kolkata
  • ज़ायोनी सरकार द्वारा ईरान पर सैनिक अतिक्रमण से संबंधित वास्तविकतायें, बयान और झूठ

पार्सटुडे- ज़ायोनी सरकार ने आज शनिवार की सुबह को तेहरान, ख़ूज़िस्तान और ईलाम में कुछ सैनिक केन्द्रों पर हमला किया। इस हमले के साथ वास्तविकतायें और झूठ भी साथ हैं।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार ईरान के एअर डिफ़ेन्स के जनसंपर्क विभाग ने एक बयान जारी करके कहा है कि ज़ायोनी सरकार ने तनाव उत्पन्न करने वाली कार्यवाही के अंतर्गत तेहरान, ख़ूज़िस्तान और ईलाम में कुछ सैनिक केन्द्रों पर हमला किया कि एअर डिफ़ेन्स सिस्टम ने कामयाबी व सफ़लता के साथ उनका मुक़ाबला किया। इस बयान के अनुसार कुछ स्थानों पर सीमित पैमाने पर क्षति पहुंची है जिसके पहलुओं की समीक्षा की जा रही है।

 

इस्लामी गणतंत्र ईरान की सेना ने भी आज सुबह होने वाले हमले में दो जियालों के शहीद होने की सूचना दी है।

 

ईरान के विदेशमंत्रालय ने भी इस्राईली अतिक्रमण की भर्त्सना करते हुए बल देकर कहा कि राष्ट्रसंघ के अनुच्छेद 51 के अनुसार ईरान के पास अपनी रक्षा व बचाव का अधिकार सुरक्षित है।

 

तनाव पैदा करने वाले तेलअवीव के हमले के बाद ज़ायोनी सूत्र अपने कमज़ोर हमले को बड़ा दिखाने के प्रयास में हैं और इस बारे में विभिन्न दावे किये हैं।

 

इसी संबंध में एक ज़ायोनी सूत्र ने दावा किया कि इस हमले में इस्राईल के 100 युद्धक विमानों ने भाग लिया कि उसके इस दावे पर ईरान ने प्रतिक्रिया दिखाई।

 

समाचार एजेन्सी तस्नीम से ईरान के एक जानकार सूत्र ने कहा कि जिस ख़बर में यह कहा जा रहा है कि इस हमले में इस्राईल के 100 युद्धक विमानों ने भाग लिया है, वह पूरी तरह झूठ है और ज़ायोनी सरकार अपने कमज़ोर और छोटे हमले को बड़ा दिखाकर पेश करना चाहती है।

 

इस जानकार सूत्र ने इसी प्रकार ज़ायोनी सरकार के उस दावे को भी ग़ैर वास्तविक बताया है जिसमें इस्राईल ने दावा किया है कि उसने ईरान में 20 बिन्दुओं को लक्ष्य बनाया है। इस जानकार सूत्र ने कहा है कि दुश्मन ने लक्ष्य बनाये गये बिन्दुओं की जो संख्या बताई है वह उससे भी कम हैं।

 

इस जानकार सूत्र ने इसी प्रकार बताया है कि ज़ायोनी सरकार ने ईरान पर जो हमला किया वह देश की सीमाओं से बाहर से किया गया और उससे सीमित पैमाने पर क्षति पहुंची है।

 

इस हमले के संबंध में ज़ायोनी सरकार ने झूठी तस्वीरों को प्रकाशित किया है और झूठी ख़बर फ़ैलाना उसकी शैली है और ज़ायोनियों की यह कार्यवाही पत्रकारों और यहां तक कि इस्राईली यूज़र्स के भी खेद का कारण बनी।  

 

ज़ायोनी पत्रकार ने बल देकर कहा कि इस्राईल के युद्धमंत्री ने बंकर के अंदर से तेलअवीव द्वारा हमले की तस्वीरों को प्रकाशित करके एलान किया है कि यह तस्वीरें तेहरान में रिफ़ाइनरी में लगी आग से संबंधित हैं। उस पत्रकार ने कहा कि यह तस्वीर वर्ष 2021 में तेहरान की तेल रिफ़ाइनरी में लगी आग की तस्वीर है और इसका इस्राईल के हमलों से कोई संबंध नहीं है।

 

एक इस्राईली यूज़र्स शावी शावली ने भी इस संबंध में सोशल प्लेटफ़ार्म एक्स पर लिखा कि मैं समझता हूं कि कमज़ोर कार्यवाही सही कार्य है जिसे अंजाम दिया गया। इसके बावजूद नेतनयाहू हमसे झूठ क्यों बोलते हैं?

 

तेहरान रिफ़ाइनरी के प्रवक्ता शाकिर ख़फ़ाई ने भी आज के हमले में रिफ़ाइनरी पर हमले का खंडन करते हुए कहा कि इस समय तेहरान की रिफ़ाइनरी नार्मल रुप से काम कर रही है।

 

ईरानी सरकार की प्रवक्ता फ़ातेमा मुहाजेरानी ने भी कुछ ज़ायोनी संचार माध्यमों ने झूठी तस्वीरों के प्रकाशित किये जाने की प्रतिक्रिया में कहा कि ईरान शक्तिशाली देश है और इस प्रकार की दुष्टता से कुछ नहीं होगा।

 

इसी प्रकार मुहाजेरानी ने कहा कि इस समय ईरान में नार्मल हालात हैं यहां तक कि सुबह नौ बजे की उड़ानें अपने नियत समय पर वापस आ गयी हैं।

 

ज्ञात रहे कि सऊदी अरब, मलेशिया, जार्डन, क़तर, कुवैत, सीरिया, पाकिस्तान, सनआ सरकार, संयुक्त अरब इमारात, इराक़, ओमान और फ़िलिस्तीन के हमास आंदोलन ने अलग- अलग बयान जारी करके ईरान पर इस्राईली हमले की भर्त्सना की है और उसे ईरान की राष्ट्रीय संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन बताया है। MM

कीवर्ड्सः ईरान पर इस्राईल का अतिक्रमण, फ़ातेमा मुहाजेरानी, तेहरान की रिफ़ाइनरी, जंगे ईरान और इस्राईल

 

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