अमेरिकी हमले में 13 आम इराकी मारे गये
अमेरिका और आतंकवादियों को इराकी जनता व नागरिकों की हत्या का कारण समझा जा रहा है।
इराक के सैनिक सूत्रों ने सूचना दी है कि अमेरिका की अगुवाई में आतंकवाद से मुकाबले के लिए बने तथाकथित अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के मोसिल नगर में हमले में महिलाओं और बच्चों सहित 13 आम नागरिक मारे गये हैं।
इराक की वायु सेना के एक अधिकारी ने इस बात की सूचना देते हुए कहा है कि अमेरिका की अगुवाई में बने गठबंधन ने बुधवार को मोसिल के अलयरमूक क्षेत्र के 6 आवासीय मकानों को निशाना बनाया जिसमें 13 आम नागरिक हताहत और 17 अन्य घायल हो गये।
लगभग 20 दिन पहले भी मोसिल नगर के पश्चिम में होने वाले हमले में बहुत से आम नागरिकों के शवों को मलबे के नीचे से निकाला गया था जिनमें अधिकांश महिलाओं और बच्चों के शव थे।
रोचक बात यह है कि अमेरिका की अगुवाई में बने गठबंधन ने इन आवासीय क्षेत्रों पर बमबारी में अपनी सीधी भूमिका स्वीकार की है।
अमेरिका की अगुवाई में बने तथाकथित अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के हमले विस्तृत रूप धारण करते जा रहे हैं और इस विषय ने एक बार फिर यह वास्तविकता स्पष्ट कर दी है कि अमेरिका और आतंकवादियों को इराकी जनता व नागरिकों की हत्या का कारण समझा जा रहा है।
इस प्रकार के हमलों को अमेरिका गलती से किया गया हमला बताता है और इस प्रकार से वह अपने मानवीय अपराधों और लोगों की हत्या का औचित्य दर्शाने का प्रयास करता है।
दूसरे शब्दों में अमेरिका की अगुवाई में आतंकवाद से मुकाबले के लिए बना तथाकथित अंतरराष्ट्रीय गठबंधन इराकी जनता की हत्या के साधन व उपकरण में परिवर्तित हो गया है और इन कार्यवाहियों से आतंकवादियों से मुकाबले की दिशा में गम्भीर विघ्न उत्पन्न हो गया है।
कुछ टीकाकारों का कहना है कि अमेरिका और आतंकवादियों ने मोसिल सहित दूसरे क्षेत्रों पर जो विनाशकारी हमले किये हैं उनके पुनर्निर्माण में कम से कम 10 वर्ष समय की आवश्यकता है।
कम से कम हालिया 15 वर्षों के अनुभव इस बात के सूचक हैं कि अमेरिका ने जहां भी सैनिक हस्तक्षेप किया है वहां समस्त चीज़ों का विनाश हो गया है और अमेरिका के अतिग्रहित क्षेत्रों से विनाशकारी गुट अस्तित्व में आये हैं। MM