सऊद अरब के नरेश ने बना दिया नया रिकार्ड!
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सऊदी अरब में अरब लीग की शिखर बैठक आयोजित हुई जिसमें सऊदी नरेश सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने उद्घाटन भाषण देते हुए कहा कि फ़िलिस्तीन का मुद्दा उस समय तक सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा जब तक इसका समाधान नहीं होता।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Apr १५, २०१८ १९:०२ Asia/Kolkata
  • सऊद अरब के नरेश ने बना दिया नया रिकार्ड!

सऊदी अरब में अरब लीग की शिखर बैठक आयोजित हुई जिसमें सऊदी नरेश सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने उद्घाटन भाषण देते हुए कहा कि फ़िलिस्तीन का मुद्दा उस समय तक सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा जब तक इसका समाधान नहीं होता।

सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने कहा कि फ़िलिस्तीनी देश की स्थापना होनी चाहिए जिसकी राजधानी बैतुल मुक़द्दस हो। सऊदी नरेश ने कहा कि हम यमन की अखंडता और संप्रभुता के प्रति कटिबद्ध हैं और इस संकट के राजनैतिक समाधान का समर्थन करते हैं। सऊदी नरेश ने अपने भाषण में हौसी संगठन ही यमन की सारी मुसीबतों की जड़ है। सऊदी नरेश ने यह भी कहा कि अब तक यमन से सऊदी अरब पर 119 मिसाइल फ़ायर किए गए हैं जिनमें से तीन मिसाइल मक्का पर फ़ायर किए गए थे।

सऊदी नरेश का पूरा भाषण इस देश की गतिविधियों और कार्यवाहियों से पूरी तरह विरोधाभास रखता है। इस तरह सऊदी नरेश ने एक ही भाषण में झूठ बोलने का रिकार्ड बना दिया। सऊदी नरेश ने कहा कि फ़िलिस्तीन का मुद्दा उनका सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है जबकि फ़िलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों के हालिया प्रदर्शनों पर नज़र डाली जाए तो नज़र आता है कि फ़िलिस्तीनी जहां एक तरह इस्राईल और अमरीका का झंडे जला रहे हैं वहीं सऊदी नरेश सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ और सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की तसवीरें भी जला रहे हैं। कारण यह है कि सऊदी अरब की वर्तमान सरकार फ़िलिस्तीन के मामले में इस्राईल के इशारे पर काम कर रही है और फ़िलिस्तीनी नेताओं पर इस्राईल और अमरीका की इच्छा के अनुसार दबाव डाल रही है। इस्राईल प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू और अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के दामाद जेर्ड कुशनर ने मिलकर उस योजना को आगे बढ़ाने की कोशिश की है जिसके तहत फ़िलिस्तीन का नाम ही समाप्त कर देना है। इस योजना के तहत फ़िलस्तीन का कुछ भाग जार्डन को, कुछ भाग मिस्र को और बाक़ी हिस्सा इस्राईल को दे दिया जाना है।

मुहम्मद बिन सलमान ने इस योजना पर तैयार करने के लिए फ़िलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख महमूद अब्बास पर ज़ोर डाला मगर उन्होंने यह प्रस्ताव स्वीकार करने से इंकार कर दिया।

अगर यमन की बात की जाए तो इस देश के सारे संकट की जड़ ही सऊदी अरब है। 26 मार्च 2015 से सऊदी अरब यमन पर बमबारी कर रहा है और इस बमबारी में पूरे देश का इन्फ़्रास्ट्रक्चर ध्वस्त होकर रह गया है। पूरा देश मानव त्रासदी के कगार पर है और सऊदी अरब के हमले अब भी जारी हैं। इस बीच यमन की सेना और स्वयंसेवी बलों ने अपनी प्रतिरोधक क्षमता को लगातार बढ़ाया और युद्ध के चौथे साल में सऊदी अरब पर मिसाइल हमले तेज़ कर दिए। यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों ने इससे पहले भी सऊदी अरब के शहरों विशेष रूप से राजधानी रियाज़ पर मिसाइल हमले किए लेकिन चौथे साल में लगभग हर दिन मिसाइल हमले हो रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में यमनियों ने मिसाइल डेवलप करने पर बड़ी मेहनत की जिसका नतीजा उन्हें चौथे साल में मिला है। यमन के मिसाइल हमलों ने सऊदी अरब को परेशान करके रख दिया है। इन मिसाइलों ने सऊदी अरब के पैट्रियट मिसाइल सिस्टम का नाकारा बना दिया है। यही कारण है कि सऊदी अरब अब अमरीका से थाड और रूस से एस-400 मिसाइल ढाल व्यवस्था ख़रीदने के प्रयास में है।

यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों के मिसाइल राजधानी रियाज़ तक पहुंच रहे हैं और यमनियों का कहना है कि उनके मिसाइल और आगे तक भी पहुंच सकते हैं। कुछ सूत्रों का तो यह भी कहना है कि अरब लीग का शिखर सम्मेलन राजधानी रियाज़ के बजाए ज़हरान में इसीलिए किया गया है कि रियाज़ यमनी सेना के मिसाइल हमलों का निशाना बनता रहा है।  

यमन के मिसाइल हमलों से सऊदी अरब बहुत परेशान है। यही कारण है कि सऊदी नरेश के भाषण में इन मिसाइलों का विषय विशेष रूप से शामिल किया गया। सऊदी नरेश ने मक्का पर मिसाइल हमले की बात की जो सरासर झूठ है। यमन इस्लामी देश है जिसे काबे और मक्के की गरिमा का पूरी तरह आभास है। मक्के और काबे का सम्मान यमन की सेना, स्वयंसेवी बलों और जनता को जितना है उतना निश्चित रूप से आले सऊद सरकार को नहीं है। 

सऊदी नरेश ने भाषण में सभी महत्वपूर्ण मुद्दों की बात की लेकिन हर विषय में झूठ बोला। उन्होंने सऊदी अरब की विध्वंसकारी नीतियों के  लिए दूसरों को ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश की। इस तरह यदि ध्यान दिया जाए तो एक राष्ट्राध्यक्ष के रूप में उन्होंने एक ही भाषण में इतने सारे झूठ बोलने का रिकार्ड बनाया है।

 

फ़ैसल शाहिद

लेखक पाकिस्तान के राजनैतिक टीकाकार हैं