नहीं रहे शिंजो आबे, मगर रह गईं उनके यादें
(last modified Sat, 09 Jul 2022 09:03:28 GMT )
Jul ०९, २०२२ १४:३३ Asia/Kolkata

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

शिंजो आबे शुक्रवार को जापान के नारा नगर में जिस समय एक चुनावी कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे तभी उनपर हमला किया गया जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री पर पीछे से गोली मार गई।  कई घण्टों तक अस्पताल में रहने के बावजूद शिंजो आबे को नहीं बचाया जा सका और उनकी मृत्यु हो गई।  पुलिस ने घटना स्थल से आक्रमणकारी को गिरफ़्तार कर लिया जिसका नाम तित्सुआ यामागामी है।  41 वर्षीय तत्सुआ यामागामी, जापान की वायुसेना में काम कर चुका है।

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की चुनावी सभा के दौरान हत्या पर इसलिए अधिक आश्चर्य किया जा रहा है क्योंकि जापान एक बहुत ही शांतिप्रिय और सुरक्षित देश है।  यहां पर हथियारों को लेकर क़ानून बहुत ही सख़्त हैं।  जापान दुनिया के उन गिनेचुने देशों में से हैं जहां पर हथियारों के बारे में बहुत ही कठोर नियम लागू हैं।  इस देश में बहुत ही कम सशस्त्र घटनाएं घटती हैं।  उदाहरण स्वरूप सन 2014 में जापान में हथियारों के प्रयोग के कारण केवल 6 लोगों की मौत हुई थी जबकि इसी दौरान अमरीका में गोलीबारी के दौरान मरने वालों की तादाद हज़ारों में थी। 

शिंजो आबे जापान में सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री के पद पर आसीन रहे हैं।  सन 2012 से 2020 तक वे जापान के प्रधानमंत्री थे।  प्रधानमंत्री पर पर रहने हुए उन्होंने बताया था कि उनकी एक बीमारी, "अल्सरेटिव कोलाइटिस" फिर से उभर आई है इसलिए वे प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दे रहे हैं।  वे 52 वर्ष की आयु मे पहली बार जापान के सबसे कम उम्र के प्रधामंत्री चुने गए थे। 

शिंजो आबे, जापान की सत्तारूढ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुत प्रभावशाली नेता थे।  उनकी हत्या पर विश्व के देशों में दुख की लहर दौड़ गई है।  उनकी मौत पर ईरान सहित बहुत से देशों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।  जापान के संसदीय चुनाव अब दो दिनों के बाद एसी हालात में आयोजित होंगे कि सत्तारूढ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के क़द्दावर नेता शिंजो आबे मौजूद नहीं होंगे।  उन्होंने जापान में कई चुनाव जीते और और जापान की रक्षा क्षमता को बढ़ाया। 

जापान में आर्थिक सुधार करने में इस देश के पूर्व प्रधानमंत्री की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है।  इस देश की अर्थव्यवस्था को सही करने के लिए शिंजो आबे ने जो कार्यक्रम पेश किया था उसको "आबे नाॅमिक" के नाम से जाना जाता है।  इसी के साथ जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की विदेश नीति भी सराहनीय रही है।

शिंजो आबे ने जापान के संविधान के अनुच्छे-9 को बदलने की बहुत कोशिश की जिसमें कहा गया है कि एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप मेंं जापान, युद्ध को हमेशा के लिए त्यागता है और वह बल का प्रयोग केवल अन्तर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के लिए करता है।  हालांकि यह बदलाव उनकी मौत तक नहीं हो पाया था।  जापान में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले शिंजो आबे अब हमारे बीच मौजूद नहीं हैं जो न केवल जापान में बल्कि विश्व के दूसरेे देशों में भी बहुत लोकप्रिय नेता थे।

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