आईएमएफ, श्रीलंका को देगा तीन बिलयन डाॅलर
(last modified Thu, 01 Sep 2022 07:57:26 GMT )
Sep ०१, २०२२ १३:२७ Asia/Kolkata

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने श्रीलंका के लिए 3 बिलयन डाॅलर का ऋण देने पर सहमति की है।

आर्थिक संकट का दंश झेल रहे श्रीलंका ने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से सहायता की मांग की थी।  आईएमएफ ने श्रीलंका की मांग को सुन लिया और इसपर सहमति बन गई है।  इसकी आधिकारिक घोषणा होना बाक़ी है।

श्रीलंका की जनता महीनों से दैनिक उपयोग की वस्तुओं को हासिल करने के लिए कठिन संघर्ष कर रही है।  श्रीलंका में लंबी अशांति के बाद रानिल विक्रमासिंघे को इस देश का राष्ट्रपति बनाया गया।  उनको आशा है कि आईएमएफ से लिये जाने वाले ऋण से श्रीलंका की आर्थिक समस्याओं का कोई हल निकलेगा।  हालांकि श्रीलंका के बहुत से लोग संसद द्वारा रानिल विक्रमासिंघे को राष्ट्रपति बनाए जाने के विरोधी हैं। 

श्रीलंका के भगोड़े राष्ट्रपति राजपक्षे के त्यागपत्र के बाद उनको इस देश का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया जिसका वहां पर विरोध चल रहा है।  राजपक्षे और विक्रमासिंघे दोनों पर यह आरोप है कि उनके परिवार लंबे समय से श्रीलंका के संसाधनों का दुरूपयोग कर रहे हैं।  इसी विषय को लेकर श्रीलंका में बहुत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी हो चुके हैं।  अब आईएमएफ से लिए जाने वाले ऋण से विक्रमासिंघे अगर श्रीलंका की वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों को ठीक न कर पाए तो इस बात की संभावना पाई जाती है कि इस देश में पुनः विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो जाए।

जानकारों का कहना है कि श्रीलंका पर पहले से बहुत क़र्ज़ है जिसको वह अदा नही कर पाया है।  एसे में यह सवाल पैदा होता है कि नया क़र्ज़ क्या इस देश की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हो सकता है? श्रीलंका के हालात को देखते हुए एसा लग रहा है कि वहां की जनता के क्रोध को नियंत्रकित करने और इस देश की अनगिनत समस्याओं का समाधान करने के लिए आईएमएफ का नया क़र्ज़, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंघे के पास अब अन्तिम विकल्प है।  इससे पहले वे स्वयं यह बात कह चुके हैं कि संकट से जूझ रहे देश की अर्थव्यस्था को स्थिर करने और उसको पुनर्जीवित करने के लिए हमें पैसों की बहुत ज़रूरत है।  रानिल विक्रमासिंघे का कहना है कि स्वतंत्रता मिलने के बाद श्रीलंका इस समय सबसे ख़राब स्थति से गुज़र रहा है।

अब ऋण लेकर भी अगर हालात नहीं संभलते हैं तो निश्चित रूप से श्रीलंका के वर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंघे को इस देश की जनता के कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा। विश्व के अन्य देशों द्वारा आईएमएफ के ऋण के भुगतान में विफलता और ऋण देने के लिए आईएमएफ की ओर से लगाई जाने वाली शर्तों के दृष्टिगत एसा नहीं लग रहा है कि अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का आपातकालीन ऋण, श्रीलंका की आर्थिक समस्याओं के समाधान में सहायक सिद्ध होगा।

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर पर हमें फ़ालो कीजिए 

फेसबुक पर हमारे पेज को लाइक करें

टैग्स