उत्तरी कोरिया बना परमाणु संपन्न देश, अमरीका हुआ चिंतित
उत्तर कोरिया ने एक नया कानून पारित करके ऐलान किया है कि वह अब एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र है।
उत्तरी कोरिया ने परमाणु हथियारों को लेकर चली आ रही अपनी नीति में यह बड़ा बदलाव किया है।
उत्तरी कोरिया के नेता किम जोंग उन ने एक ऐसे क़ानून पर हस्ताक्षर किये हैं जिसके आधार पर अब उत्तरी कोरिया को परमाणु शक्ति संपन्न देश के रूप में जाना जाएगा। इसी के साथ उत्तरी कोरिया की संसद ने इस देश के परमाणु संपन्न होने की पुष्टि की है।
किम जोंग ने यह प्रण किया कि हमारा देश कभी भी अपने परमाणु हथियारों को नहीं छोड़ेगा। उत्तरी कोरिया की संसद और वहां नेता के नए फैसले को दक्षिणी कोरिया के उस प्रस्ताव के उत्तर के रूप में देखा जा रहा है जिसमें पियुंयांग से मांग की गई थी कि परमाणु शस्त्रों को त्यागने के बदले में दक्षिणी कोरिया बहुत बड़े पैमाने पर उत्तरी कोरिया में पूंजी निवेश करेगा।
प्रस्ताव के अनुसार यह पूंजी निवेश इतने बड़े स्तर पर होगा जिससे उत्तरी कोरिया की राष्ट्रीय आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उत्तरी कोरिया ने दक्षिणी कोरिया के इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया था क्योंकि इससे पहले भी पियुंगयांग को इस प्रकार के प्रस्ताव दिये जाते रहे हैं। वाशिग्टन पोस्ट ने अपने एक लेख में कोरिया प्रायद्वीप की स्थति के बारे में लिखा है कि अब उत्तरी कोरिया किसी सीमा तक परमाणु शक्ति के हिसाब से आत्मनिर्भर हो गया है। उत्तरी कोरिया के नेता ने भी कहा है कि हमने क़ानूनी तरीक़े से युद्ध के ख़िलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता हासिल की है जो राष्ट्रीय सुरक्षा का एक साधन है।
अन्तर्राष्ट्रीय मामलों के एक जानकार हुसैन आहन इस बारे में कहा हैं कि कोरिया प्रायद्वीप दो भागों में बंटा हुआ है। औद्योगिक और परमाणु। औद्योगिक अर्थात दक्षिणी कोरिया और परमाणु अर्थात उत्तरी कोरिया। दक्षिणी कोरिया, उत्तरी कोरिया की आर्थिक कमियों के कारण उसको पूंजी निवेश का लालच देकर उसके परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करवाना चाहता है।
मुख्य बात यह है कि अमरीका ने धमकियां देकर कोरिया प्रायद्वीप के लिए गंभीर सुरक्षा चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। एसे में उत्तरी कोरिया के पास अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के अतिरिक्त कोई दूसरा मार्ग नहीं बचा है। किम जोंग उन द्वारा उत्तरी कोरिया को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाने की घोषणा के बाद अब अमरीका के पास आए दिन परमाणु वार्ता करने की मांग पर ही विराम लग गया है।
अमरीका ने परमाणु मुद्दे को लेकर अबतक उत्तरी कोरिया के साथ कई चरणों की वार्ता की जो हर बार विफल रही। अमरीका की यही विफलता उत्तरी कोरिया की प्रतिरोधक शक्ति के बढने का कारण बनी है। अबसे यह देश दुनिया में परमाणु शक्ति संपन्न देश के रूप में पहचाना जाएगा।
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए