Nov १४, २०२२ १७:१५ Asia/Kolkata
  • एयरपोर्ट को अपना आशियाना बनाने वाले 'एयरपोर्ट मैन' मेहरान नासेरी का निधन

कूटनीतिक झमेले में फंसकर ज़िंदगी भर के लिए एयरपोर्ट को ही अपना आशियाना बनाने वाले ईरानी नागरिक मेहरान करीमी नासेरी की एयरपोर्ट में ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है।

1988 से 2006 तक पेरिस के चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 को अपना घर बनाने वाले इस शख़्स की कहानी से प्रेरित होकर 2004 में हॉलिवुड में द टर्मिनल फ़िल्स बनी थी।

77 साल के मेहरान करीमी नासेरी ने अंतिम सांस उसी एयरपोर्ट पर ली, जहां उन्होंने 18 साल बिताए थे।

ईरान के ख़ोज़िस्तान प्रांत के रहने वाले नासेरी का जन्म 1945 में हुआ था। 1988 में स्कॉटिश मूल की अपनी मां को खोजने के लिए उन्होंने यूरोप का रुख़ किया था।

पेरिस एयरपोर्ट को अपना आशियाना बनाने से पहले उन्होंने कई साल बेल्जियम में गुज़ारे और सही दस्तावेज़ नहीं होने के कारण, उन्हें ब्रिटेन, जर्मनी और नीदरलैंड समेत कई यूरोपीय देशों से निकाल दिया गया था।

उसके बाद उन्होंने फ़्रांस का रुख़ किया, लेकिन फ़्रांसीसी अधिकारियों ने भी उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी, तो उन्होंने एयरपोर्ट को ही अपना घर बना लिया और वहीं रहने लगे।       

वैराइटी मैगज़ीन के मुताबिक़, जब मेहरान पहली बार ब्रिटेन पहुंचे थे, तो उनके पास रैज़ीडेंस से जुड़े डॉक्युमेंट नहीं थे। हालांकि उनकी मां स्कॉटिश नागरिक थीं, फिर भी उन्हें शरण नहीं मिली। मेहरान की नागरिकता को लेकर सवाल उठने लगे, जिसके बाद उन्होंने खुद को स्टेटलेस घोषित कर दिया।

ट्रॉलियों से घिरे रहने वाले नासेरी ने अपना ज़्यादातर समय एयरपोर्ट पर लिखने और किताबें पढ़ने में बिताया।

स्टीवन स्पीलबर्ग ने साल 2004 में उनकी कहानी से इंस्पायर होकर द टर्मिनल फ़िल्म बनाई थी। इस फ़िल्म में अमरीका के मशहूर एक्टर टॉम हैंक्स ने लीड रोल अदा किया था।

फ़िल्म में टॉम यूरोपीय नागरिक बने थे, जो अमरीका जाता है, लेकिन उसे अमरीका में रहने की इजाज़त नहीं मिलती। इसलिए वह न्यूयॉर्क के जॉन एफ़ कैनेडी एयरपोर्ट पर रहने लगता है।

2004 में मेहरान की ऑटोबायोग्राफ़ी द टर्मिनल मैन पब्लिश हुई थी।

फ़्रांस सरकार ने 1999 में नासेरी को शरणार्थी का दर्जा दे दिया था। उसके बाद 2006 तक वे एयरपोर्ट पर ही रहे, जब उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के लिए एयरपोर्ट से बाहर जाना पड़ा था।

फ़िल्म की रॉयल्टी से मिलने वाली रक़म को ख़र्च करने के बाद कुछ हफ़्ते पहले वे एक बार फिर एयरपोर्ट पर लौट गए और वहीं रहने लगे।   

एयरपोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि एयरपोर्ट स्टाफ़ नासेरी को प्यार से सर अल्फ्रेड बुलाता था। msm

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