शहबाज़ के शासनकाल में पाकिस्तान में आतंकवाद बढा हैः इमरान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा है कि वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज़ के शासनकाल में देश में आतंकवाद बढा है।
सन 2022 के दौरान पाकिस्तान में 500 से अधिक आतंकी हमले हुए। इन हमलों में से अधिकांश हमले प्रतिबंधित गुट टीटीपी की ओर से किये गए।
शफ़क़ना समाचार एजेन्सी के अनुसार इमरान ख़ान कहते हैं कि शहबाज़ शरीफ़ सरकार की निर्दयता के कारण देश में अधिक आतंकी घटनाएं घटीं। उनका कहना था कि टीटीपी के सदस्यों और उनके परिजनों के बारे में सरकार की कठोरता के कारण पाकिस्तान में आतंकवादी को मज़बूती मिली।
इमरान ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के सत्तासीन होने के साथ ही टीटीपी के वे लड़ाके जिनकी अपने परिजनों सहित संख्या 40 हज़ार थी, तालेबान की मांग पर पाकिस्तान आ गए। उन्होंने बताया कि सराकार की योजना यह थी कि अफ़ग़ानिस्तान से आने वाले लड़कों को क़बाएली क्षेत्रों में शरण दी जाए किंतु सिंध और बलोचिस्तान प्रांतों के विरोध के कारण इसको व्यवहारिक नहीं बनाया जा सका।
याद रहे कि टीटीपी अर्थात तहरीके तालेबाने पाकिस्तान एसा सशस्त्र गुट है जो पाकिस्तान सरकार का विरोधी है। इस्लामाबाद सरकार का मानना है कि देश के उत्तर और पश्चिमोत्तर में होने वाली आतंकी कार्यवाहियों में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अब यह सशस्त्र गुट पाकिस्तान की शांति एवं सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है।
दूसरी ओर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने देश में बिना किसी विलंब के आम चुनाव कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चुनाव में विलंब को देश की जतना स्वीकार नहीं करेगी। इमरान खान का कहना था कि वर्तमान समय में पाकिस्तान एसे हालात से गुज़र रहा है जिसमें स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव कराना बहुत ज़रूरी हो गया है।
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