म्यांमार में बढ रही है अफ़ीम की खेतीः राष्ट्रसंघ
संयुक्त राष्ट्रसंघ ने स्पष्ट किया है कि सैन्य विद्रोह के बाद म्यांमार में मादक पदार्थों की खेती बढ़ी है।
मादक पदार्थों से संघर्ष करने वाले राष्ट्रसंघ के कार्यालय ने गुरूवार को बताया है कि म्यांमार में खेती की वह ज़मीन जिसपर अफीम की खेती होती है वह एक साल के दौरान 22 प्रतिशत बढ़ी है।
इस प्रकार सन 2022 से अबतक वहां पर अफीम की खेती में बढ़ोत्तरी हुई है। अब म्यांमार में 40 हज़ार से अधिक हेक्टेयर भूमि पर अफ़ीम की खेती हो रही है। म्यांमार में अफीम की खेती, अनुमानित 790 टन हो चुकी है। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें लगभग 88 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है।
सेटेलाइटन से ली गई तस्वीरों के अध्धयन से पता चलता है कि यह बात स्वयं में एक रेकार्ड है। इस बारे में संयुक्त राष्ट्रसंघ के एक अधिकारी जेर्मी डगलस कहते हैं कि म्यांमार में तख्तापलट के बाद की आर्थिक, सुरक्षा एवं राजनीतिक परिस्थतियों के कारण एसा हुआ है। उन्होंने कहा कि आर्थिक परेशानियों के कारण बहुत से लोगों ने अफीम की खेती शुरू कर दी। म्यांमार में अफीम की खेती की वैल्यू 660 से मिलयन डालर से लेकर 2 अरब डालर तक है।
म्यांमार में सैन्य विद्रोह के बाद की स्थति के बारे में विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वहां पर इस सैन्य विद्रोह के बाद म्यांमार की लगभग 40 प्रतिशत जलसंख्या निर्धन रेखा के नीचे चली गई है। याद रहे कि म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 को आंग सांग सूचि की सरकार को गिराकर इस देश की सत्ता अपने हाथों में ले ली थी।
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