उत्तरी और दक्षिणी कोरिया के बीच फिर बढ़ने लगा तनाव
उत्तरी कोरिया के नेता ने दोनो कोरिया के एकीकरण एजेन्सी को भंग करने की मांग की है।
वर्तमान समय में उत्तरी और दक्षिणी कोरिया के बीच तनाव इतना अधिक बढ चुका है कि उत्तरी कोरिया के नेता किम जोंग उन ने दोनो कोरिया के एकीकरण एजेन्सी को भंग करने का आदेश जारी कर दिया है।
किम जोंग उन ने यह भी कहा है कि दक्षिण कोरिया की ओर से उत्तरी कोरिया के विरुद्ध किसी भी प्रकार का हमला, दोनो देशों के बीच युद्ध की भूमिका बन सकता है। उनका यह भी कहना है कि दक्षिणी कोरिया के साथ जलसीमा को हम मान्यता नहीं देते हैं। उत्तरी कोरिया के नेता के अनुसार देश के संविधान में एसा बदलाव किया जाए जिसके आधार पर दक्षिणी कोरिया के साथ युद्ध की स्थति में पियुंगयांग को उसपर क़ब्ज़ा करने का क़ानूनी अधिकार हो।
किम जांग उन की बातों से पता चलता है कि अमरीका और उसके क्षेत्रीय घटकों को लेकर उत्तरी कोरिया की सामरिक नीतियों में भारी परिवर्तन आया है। अबतक तो उत्तरी कोरिया सामान्यतः अमरीका को ही बुराभला कहा करता था किंतु हालिया दिनों में उसने अपना पूरा फोकस दक्षिणी कोरिया पर कर दिया है। इस बारे में अन्तर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार जेम्स बेरडी कहते हैं कि वर्तमान समय में उत्तरी कोरिया ने अपने दुश्मन के रूप में दक्षिणी कोरिया को संबोधित करके चेतावनियां देनी शुरू कर दी हैं। एसे में लगता है कि वह सियोल पर अधिक से अधिक दबाव डालना चाहता है।
इसी बीच दक्षिणी कोरिया के राष्ट्रपति ने कहा है कि हर उकसावे वाली कार्यवाही का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हालांकि दक्षिणी कोरिया पूरी तरह से अमरीका पर निर्भर है जबकि उत्तरी कोरिया ने स्वयं को मज़बूत किया है इसीलिए अब वह दक्षिणी कोरिया पर कब़्ज़े जैसी बात कह रहा है।
कुछ राजनीतिक टीकाकारों का यह भी मानना है अमरीका के साथ मिलकर दक्षिणी कोरिया ने उत्तरी कोरिया के अनादर की नीति अपनाते हुए उसके विरुद्ध सैनिक और कूटनीतिक दबाव बहुत बढ़ा दिया है। इन बातों के कारण उत्तरी कोरिया का स्ट्रैटेजिक धैर्य अब नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है। इन्हीं विषयों के दृष्टिगत उत्तरी कोरिया ने एक प्रकार से दक्षिणी कोरिया को ललकारा है।
कोरिया प्रायद्वीप मामलों के एक जानकार, लो जाऊ का कहना है कि वर्तमान हालात में दक्षिणी कोरिया को बहुत ही सावधानी से काम लेना चाहिए क्योंकि अमरीका, इस क्षेत्र का कंट्रोल अपने हाथ में लेना चाहता है एसे में वह दोनो कोरिया को युद्ध के ढकेल सकता है। युद्ध की स्थति में अमरीका को तो कोई नुक़सान नहीं होगा लेकिन दक्षिणी कोरिया, जापान और उत्तरी कोरिया दोनों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
एसे में यह कहा जा सकता है कि उत्तरी कोरिया की धमकियों को गंभीरता से लेते हुए दक्षिणी कोरिया को बलि का बकरा बनने से बचना चाहिए।
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