ऊर्जा सुरक्षा और स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए यूरोप की परमाणु ऊर्जा की ओर वापसी की कोशिशें
(last modified Thu, 29 May 2025 13:01:56 GMT )
May २९, २०२५ १८:३१ Asia/Kolkata
  • यूरोप की ऊर्जा सुरक्षा और स्वतंत्रता की दिशा में परमाणु ऊर्जा की ओर वापसी
    यूरोप की ऊर्जा सुरक्षा और स्वतंत्रता की दिशा में परमाणु ऊर्जा की ओर वापसी

पार्स टुडे – एक अमेरिकी वेबसाइट ने लिखा है कि यूरोप परमाणु ऊर्जा की ओर लौट रहा है, क्योंकि इस महाद्वीप के देश अपनी ऊर्जा की स्वतंत्रता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं।

हाल ही में डेनमार्क ने घोषणा की है कि वह अपनी 40 साल पुरानी परमाणु ऊर्जा पर प्रतिबंध की नीति को समाप्त करने जा रहा है जो कि उसकी ऊर्जा नीति में एक बड़ा बदलाव है। इसी प्रकार, स्पेन ने अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बंद करने की योजना की पुनः समीक्षा का संकेत दिया है और जर्मनी जो वर्षों से परमाणु ऊर्जा का विरोध करता रहा है, उसने भी अब इस तकनीक के प्रति अपने रुख में लचीलापन दिखाया है।

 

पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार CNBC ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि जैसे-जैसे यूरोपीय देश ऊर्जा आत्मनिर्भरता बनाए रखने के लिए क़दम उठा रहे हैं, एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है वह है तेज़ी से परमाणु ऊर्जा की ओर वापसी।

 

यूरोप की ऊर्जा सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए परमाणु ऊर्जा की ओर वापसी

 

यूरोपीय देशों की परमाणु ऊर्जा में फिर से रुचि यह दर्शाती है कि वे ऊर्जा स्वतंत्रता हासिल करने के लिए अब सतर्कता और एहतियात की नीतियों को त्यागने को तैयार हैं।

 

ऐसा प्रतीत होता है कि इस बदलाव का एक हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे "सौर और पवन तकनीक" से जुड़ी लागतों के कारण है।

 

"ग्यॉर्ग ज़ाखमन" ने जो कि ब्रसेल्स स्थित थिंक टैंक "ब्रूगल" के वरिष्ठ विशेषज्ञ हैं,  कहा कि परमाणु ऊर्जा अभी भी यूरोप में बिजली उत्पादन की सबसे विवादास्पद तकनीक बनी हुई है।

 

"ज़ाखमन" ने आगे कहा: "पवन और सौर ऊर्जा के उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली के संतुलन और स्थानांतरण की 'छुपी हुई लागत' बढ़ती जा रही है और यह बात हाल ही में अधिक स्पष्ट हुई है।"

 

परमाणु ऊर्जा के समर्थक अब यह तर्क दे रहे हैं कि परमाणु ऊर्जा में यह क्षमता है कि वह देशों को बिजली उत्पादन में मदद कर सकती है, साथ ही ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को भी कम कर सकती है और उन्हें जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता से छुटकारा दिला सकती है।

 

हालांकि, कुछ पर्यावरण समर्थक समूहों का कहना है कि परमाणु उद्योग महंगा है और यह सस्ते व अधिक स्वच्छ विकल्पों के लिए हानिकारक है। mm