मादुरो के ख़िलाफ़ अमेरिकी सरकार का नया क़दम: क्या हैं मकसद?
-
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो
पार्सटुडे – वाशिंगटन ने घोषणा की है कि वह वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की गिरफ़्तारी में मदद करने वाली जानकारियों के लिए 5 करोड़ डॉलर का इनाम देगा।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक मैसेज में लिखा: निकोलस मादुरो अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं। अमेरिका ने मादुरो से जुड़ी 70 करोड़ डॉलर की संपत्ति, जिसमें 2 हवाई जहाज़ और 9 वाहन शामिल हैं, जब्त कर ली है।
उन्होंने वेनेजुएला के राष्ट्रपति पर आरोप लगाते हुए कहा: मादुरो दुनिया के सबसे बड़े नशीले पदार्थों के तस्करों में से एक है और उसका आतंकवादी शासन जारी है। वह ट्रेन डी अरागुआ और सिनालोआ कार्टेल जैसे गुटों के साथ मिलकर काम कर रहा है। बॉन्डी ने धमकी देते हुए कहा: मादुरो को न्याय का सामना करना पड़ेगा और उसके जघन्य अपराधों के लिए उसे सज़ा मिलेगी।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इससे पहले घोषणा की थी कि मादुरो से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए वह 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम देगा।
अमेरिका के इस नए कदम पर वेनेजुएला ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वेनेजुएला के अधिकारियों ने मादुरो की गिरफ़्तारी के लिए 5 करोड़ डॉलर के इनाम की निंदा करते हुए इसे "राजनीतिक प्रोपेगैंड" और लैटिन अमेरिकी देश की संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। उन्होंने इस कार्रवाई को "हास्यास्पद", "बेशर्म" और "राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन" करार दिया है।
वेनेजुएला के विदेश मंत्री इवान गिल ने शुक्रवार को टेलीग्राम पर एक पोस्ट में लिखा: अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी का यह मूर्खतापूर्ण इनाम एक बेकार सी चालबाज़ी है जो सिर्फ़ चक्कर में डालती है। जबकि वेनेजुएला अमेरिका की आतंकवादी योजनाओं को उजागर कर रहा है, यह सर्कस वाली औरत वेनेजुएला के अति-दक्षिणपंथी हारे हुए लोगों की सेवा में लगी हुई है। विदेशमंत्री ने कहा कि इस नाटक का मकसद अमेरिका की घरेलू समस्याओं से ध्यान हटाना है। उन्होंने इस इनाम की निंदा करते हुए कहा कि यह "साफ़ तौर पर राजनीतिक प्रोपेगैंडा" है और वेनेजुएला की गरिमा को बेचा नहीं जा सकता।
वहीं, वेनेजुएला के अटॉर्नी जनरल तारेक विलियम साबा ने भी मादुरो की गिरफ़्तारी के लिए अमेरिका के "हास्यास्पद और बेशर्म" इनाम की निंदा की और कहा: यह बेशर्म कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है, हमारी संप्रभुता पर हमला है और एक स्वतंत्र देश के आंतरिक मामलों में खुली दखलंदाजी है।
ट्रम्प सरकार का 5 करोड़ डॉलर का इनाम: मादुरो के खिलाफ क्या हैं मंसूबे?
ऐसा लगता है कि ट्रम्प सरकार ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी देने वाले को 5 करोड़ डॉलर का इनाम देने के पीछे कई राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी मकसद छुपे हैं।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम अमेरिका की घरेलू समस्याओं से ध्यान हटाने और ट्रम्प को अपने समर्थकों के बीच मजबूत करने की एक राजनीतिक चाल है। साथ ही, इस इनाम के जरिए ट्रम्प सरकार को उम्मीद है कि मादुरो से जुड़ी गोपनीय जानकारी रखने वाले लोग या संस्थाएं पैसे के लालच में आकर उन्हें जानकारी देंगी, जिससे मादुरो के गुप्त संपर्कों का पता चल सके।
यह कदम ट्रम्प सरकार की उस पुरानी नीति का हिस्सा भी है, जिसमें वह मादुरो के विरोधियों का समर्थन करके वेनेजुएला में सत्ता परिवर्तन की कोशिश कर रहा है। एक और मकसद मादुरो पर राजनीतिक दबाव बढ़ाना है। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल ने मादुरो को "अपराधी" और "नशीले पदार्थों का तस्कर" बताया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी सरकार की विश्वसनीयता खत्म हो।
साथ ही, चूंकि वेनेजुएला ईरान का करीबी सहयोगी है, इसलिए यह कदम "प्रतिरोध के मोर्चे" (Axis of Resistance) और ईरान के क्षेत्रीय सहयोगियों पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है।
ट्रम्प सरकार के इस कदम का मादुरो की घरेलू स्थिति पर उल्टा असर हो सकता है। अमेरिका की उम्मीद के विपरीत, इससे मादुरो के आसपास की ताकतवर संस्थाएं,जैसे सेना और सुरक्षा एजेंसियां,उसके और करीब हो सकती हैं। बाहरी खतरा अक्सर देश के भीतर एकता को मजबूत करता है।
मादुरो सरकार ने इस मौके का फायदा उठाकर "साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष" के अपने एजेंडे को और मजबूत किया है और इसे "अमेरिका की वेनेजुएला के आंतरिक मामलों में खुली दखलंदाजी" का सबूत बताया है। वहीं, आर्थिक संकट और प्रतिबंधों से जूझ रहे वेनेजुएला के लोगों ने अमेरिका के इस कदम को "राष्ट्रीय अपमान" माना है, जिससे मादुरो को और ज्यादा समर्थन मिल सकता है।
इसके अलावा, अमेरिका द्वारा मादुरो को "वांछित" घोषित करने से वेनेजुएला के भीतर वाशिंगटन-समर्थित गुटों की गतिविधियों पर भी रोक लग सकती है। कुल मिलाकर, यह कदम मादुरो की स्थिति को कमजोर करने के बजाय, उसे देश के भीतर और मजबूत कर सकता है।
ट्रम्प सरकार का मादुरो के खिलाफ 5 करोड़ डॉलर का इनाम: पड़ोसी देशों पर सुरक्षा प्रभाव
ट्रम्प सरकार द्वारा निकोलस मादुरो की गिरफ्तारी के लिए 5 करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा का वेनेजुएला के पड़ोसी देशों पर गंभीर सुरक्षा प्रभाव पड़ सकता है। यह कदम वेनेजुएला में आंतरिक संकट को और बढ़ा सकता है। अगर मादुरो सरकार कमजोर पड़ती है या देश में हिंसा भड़कती है, तो कोलंबिया, ब्राजील और इक्वाडोर जैसे पड़ोसी देशों को शरणार्थियों और प्रवासियों की नई लहर का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनकी सुरक्षा और सामाजिक ढांचे पर दबाव बढ़ेगा।
अस्थिरता की स्थिति में, सशस्त्र गुट और ड्रग तस्कर वेनेजुएला में सत्ता के शून्य का फायदा उठाकर अपनी गतिविधियों को पड़ोसी देशों तक फैला सकते हैं, जो उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा होगा।
कुछ पड़ोसी देश जो अमेरिका के करीबी सहयोगी हैं, इस कार्रवाई का समर्थन कर सकते हैं, जबकि मादुरो के साथ मजबूत संबंध रखने वाले देश इसका विरोध करेंगे। इस मतभेद से क्षेत्रीय सहयोग में दरार आ सकती है। अमेरिका की इस एकतरफा कार्रवाई से UNASUR और CELAC जैसे क्षेत्रीय संगठनों पर से भरोसा कम हो सकता है, जो राजनीतिक और सुरक्षा संकटों को हल करने के लिए बने हैं। इससे क्षेत्रीय देशों के बीच सामूहिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की क्षमता प्रभावित होगी।
संकट की स्थिति में रूस और चीन जैसे देश मादुरो का समर्थन करने आगे आ सकते हैं, जबकि अमेरिका और उसके सहयोगी विपक्षी ताकतों को बढ़ावा देंगे। यह भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। इस तरह, ट्रम्प सरकार का यह कदम न सिर्फ वेनेजुएला बल्कि पूरे लैटिन अमेरिका क्षेत्र के लिए अस्थिरता पैदा कर सकता है।
साथ ही, निकोलस मादुरो के खिलाफ ट्रम्प प्रशासन की नई कार्रवाई, जिसमें 5 करोड़ डॉलर का इनाम रखा गया है, का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है। इस कार्रवाई का एक परिणाम अमेरिकी नीतियों का विरोध करने वाले देशों के साथ तनाव में वृद्धि है। रूस, चीन, ईरान और क्यूबा जैसे देश, जो मादुरो का समर्थन करते हैं, इस कार्रवाई को वेनेजुएला की राष्ट्रीय संप्रभुता के लिए खतरा मानते हैं और उनकी अलग-अलग प्रतिक्रिया होने की संभावना है। दूसरा परिणाम बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का कमजोर होना है।
इस तरह की एकतरफा कार्रवाइयों से ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय कानूनी संस्थाओं जैसी संस्थाओं को दरकिनार कर दिया है और प्रत्यक्ष दबाव पर अधिक भरोसा किया है। यह दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने में अमेरिका की भूमिका में वैश्विक विश्वास को कम कर रहा है। इस संदर्भ में एक और मुद्दा अमेरिकी विदेश नीति में राष्ट्रवादी दृष्टिकोण का मजबूत होना है।
मादुरो के खिलाफ कार्रवाई "अमेरिका फर्स्ट" नीति के दायरे में आती है, जो बहुपक्षीय बातचीत पर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देती है। इस दृष्टिकोण ने पारंपरिक अमेरिकी सहयोगियों को वाशिंगटन की प्रतिबद्धताओं के प्रति अधिक संशयी बना दिया है। इस कार्रवाई का एक अन्य महत्वपूर्ण परिणाम लैटिन अमेरिका में अस्थिरता में वृद्धि है। मादुरो पर 50 मिलियन डॉलर का इनाम अन्य अमेरिकी विपक्षी नेताओं के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि यदि वे वाशिंगटन की नीतियों का विरोध करते हैं तो उन्हें भी इसी प्रकार के दंड का सामना करना पड़ सकता है। (AK)
कीवर्ड्ज़: अमरीका, अमेरिका, वेनेज़ुएला, निकोलस मादूरो, ट्रम्प
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए