वैश्विक घटनाक्रम, शांति के लिए ईरान की एकजुटता से लेकर ग़ाज़ा में पत्रकारों की हत्या और फ़िलिस्तीन समर्थकों के विरोध प्रदर्शन तक
https://parstoday.ir/hi/news/world-i139410
पार्स टुडे - ईरान के राष्ट्रपति ने विश्व के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों और रचनात्मक सहयोग के विस्तार पर ज़ोर दिया और कहा: हमें शांति और स्थिरता के विकास के मार्ग पर एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए।
(last modified 2025-08-12T13:53:14+00:00 )
Aug ११, २०२५ १७:५० Asia/Kolkata
  • अनस अलशरीफ़ और मोहम्मद क़रीक़अ अलजज़ीरा के दो शहीद पत्रकार
    अनस अलशरीफ़ और मोहम्मद क़रीक़अ अलजज़ीरा के दो शहीद पत्रकार

पार्स टुडे - ईरान के राष्ट्रपति ने विश्व के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों और रचनात्मक सहयोग के विस्तार पर ज़ोर दिया और कहा: हमें शांति और स्थिरता के विकास के मार्ग पर एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए।

ईरान विश्व शांति की ओर प्रयासरत है अलजज़ीरा के पत्रकारों की शहादत, इंग्लैंड में सैकड़ों फ़िलिस्तीन समर्थकों की गिरफ्तारी, सुरक्षा परिषद का ज़ायोनी शासन के खिलाफ़ बयान, ज़ायोनी बंदियों के परिवारों को धमकी और इज़राइल के क़दमों के खिलाफ़ चीन का विरोध, ये सभी पिछले 24 घंटों में ईरान और विश्व से जुड़ी महत्वपूर्ण ख़बरें हैं जिन्हें इस पार्स टुडे समाचार पैकेज में पढ़ा जा सकता है।

 

पिज़िश्कियान: वैश्विक शांति के लिए सहयोग एक आवश्यकता है

 

आईआरआईबी की रिपोर्ट के अनुसार ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने विभिन्न देशों के नए राजदूतों को सौंपे गए प्रत्यय पत्र समारोह में सभी देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग के विस्तार के लिए ईरान की तत्परता पर ज़ोर दिया। उन्होंने वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए कहा: हमारे छोटे ग्रह पर, वैश्विक शांति और कल्याण के लिए सहयोग एक अनिवार्य आवश्यकता है। ईरान के राष्ट्रपति ने ग़ाज़ा के लोगों की अमानवीय हत्या की निंदा की और युद्ध को रोकने और फ़िलिस्तीनियों की सहायता के लिए वैश्विक समुदाय से तुरंत कार्रवाई का आह्वान किया।

 

अंतरराष्ट्रीय मौन के बीच पत्रकारों की हत्या

 

"मोहम्मद अबूसलह सलमिया" ग़ज़ा में शिफ़ा मेडिकल कॉम्प्लेक्स के निदेशक ने बताया: अलजज़ीरा चैनल के पत्रकारों के तंबू पर ज़ायोनी शासन के हमले में सात लोग शहीद हो गए। अलजज़ीरा टीवी चैनल ने बताया: शिफ़ा अस्पताल के पास पत्रकारों के तंबू पर ज़ायोनी शासन के ड्रोन हमले में, अलशरीफ और मोहम्मद करीकअ, इस नेटवर्क के दो पत्रकार, इब्राहिम ज़ाहिर और मोहम्मद नौफल, अलजज़ीरा के कैमरामैन शहीद हो गए।

 

फिलिस्तीनी सूत्रों के अनुसार, इस हवाई हमले में पत्रकार मोहम्मद अलखालदी और कैमरामैन मुमिन अलीवह भी शहीद हुए।

 

फ़िलिस्तीन समर्थकों पर इंग्लैंड में दमन

 

इंग्लैंड पुलिस ने रविवार को इस्राइली शासन के विरोधियों और फ़िलिस्तीन के लिए एक्शन ग्रुप के समर्थकों पर दमन जारी रखते हुए, कम से कम 372  फ़िलिस्तीन समर्थकों को गिरफ्तार किया, जो पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन द्वारा जनसंहार के खिलाफ विरोध कर रहे थे। विरोधियों के हाथों में लिखे हुए पत्र थे जिनमें फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार की निंदा की गई थी और पश्चिमी सरकारों सहित इंग्लैंड से फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार का समर्थन बंद करने की अपील की गई थी। इंग्लैंड के गृह मंत्री ने पुलिस की इस कार्रवाई और गिरफ्तारियों की सराहना की।

 

सुरक्षा परिषद का इस्राइल के खिलाफ़ बयान

 

इंग्लैंड और फ्रांस, सुरक्षा परिषद के दो स्थायी सदस्य, तीन अस्थायी सदस्यों के साथ रविवार को इस्राइल की पूरी ग़ज़ा पर सैन्य क़ब्ज़े की योजना के खिलाफ़ एक बयान जारी किया। इंग्लैंड, फ्रांस, ग्रीस, डेनमार्क और स्लोवेनिया ने इस बयान में कहा कि इस्राइल की ग़ाज़ा शहर पर कब्ज़े की योजना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन करने का ख़तरा है। इन देशों ने इस्राइल से तुरंत इस निर्णय को रद्द करने का आग्रह किया।

 

चीन: ग़ाज़ा फ़िलिस्तीनी लोगों का हिस्सा है

 

फू कोंग” चीन के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत और प्रतिनिधि ने कहा: ग़ाज़ा फ़िलिस्तीनी लोगों का है और यह क्षेत्र फ़िलिस्तीनी भूमि का अभिन्न हिस्सा है, और इसका जनसांख्यिकीय या भौगोलिक ढांचा बदलने के किसी भी प्रयास का सबसे कड़े विरोध और प्रतिरोध किया जाना चाहिए। चीन के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र में ज़ोर दिया: सैन्य श्रेष्ठता का भ्रम त्याग दिया जाना चाहिए, तत्काल युद्धविराम ही जीवन बचाने का सही रास्ता है और ग़ाज़ा में निरंतर सैन्य हमलों की तीव्रता केवल और अधिक हत्याओं और मृत्यु का कारण बनेगी।

 

ज़ायोनी बंदियों के परिवारों को धमकी

 

ज़ायोनी बंदियों के परिवारों ने फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के साथ समझौते के तहत बंदियों की रिहाई के मामले में इस शासन की कैबिनेट की नीतियों के विरोध में चेतावनी दी कि वे इस शासन की अर्थव्यवस्था को पंगु कर देंगे और विपक्ष ने भी इन परिवारों के कार्यकर्ताओं के साथ समझौते के लिए हड़ताल का समर्थन किया। ज़ायोनी बंदियों के परिवारों ने कहा कि वे 17 अगस्त को इस्राइल के आर्थिक केंद्रों को बंद करने के लिए बड़े स्तर पर आंदोलन करने वाले हैं। यह विरोध “सैनिकों और बंदियों को बचाने के लिए बंद” के नारे के तहत बेन्यामिन नेतन्याहू की कैबिनेट की नीतियों के खिलाफ किया जा रहा है। MM