ब्रिटेन में सुरक्षा दबाव के बीच इज़राइल-विरोधी प्रदर्शन जारी
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ब्रिटेन में सुरक्षा दबाव के बीच इज़राइल-विरोधी प्रदर्शन जारी
हज़ारों ब्रिटिश नागरिकों ने देश के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शनों में फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए लंदन की प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करने और ज़ायोनी शासन का समर्थन करने की नीतियों की निंदा की।
ग्लासगो, मैनचेस्टर और ऑक्सफ़ोर्ड जैसे शहरों में शनिवार को ब्रिटिश नागरिकों का जमावड़ा उस समय हुआ जब हाल के हफ्तों में फिलिस्तीनी समर्थक कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षा दबाव बढ़ गया है।
रिपोर्टों के अनुसार, ग्लासगो में प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीनी झंडे लहराए और कैदियों के समर्थन में प्लेकार्ड लेकर ज़ायोनी शासन के अपराधों की निंदा की। मैनचेस्टर में, "गज़ा की घेराबंदी को समाप्त करो" के नारे और पश्चिम द्वारा इज़राइल के समर्थन को रोकने की मांग के साथ एक जमावड़ा हुआ। ऑक्सफ़ोर्ड में, प्रदर्शनकारियों ने अतिवादी दक्षिणपंथ और इस्लामोफोबिया का मुकाबला करते हुए आंतरिक संकटों के मूल कारणों को दूर करने पर जोर दिया।
यह गतिविधि ऐसे समय में हो रही है जब ब्रिटिश पुलिस ने "फिलिस्तीन एक्शन" समूह को आतंकवादी संगठनों की सूची में डालने के बाद इसके किसी भी समर्थन के प्रदर्शन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है और अब तक सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया है।
"इंतिफाज़ा" जैसे नारों से निपटने में पुलिस की कठोर रवैये की नागरिक समाज संगठनों और कानूनविदों ने आलोचना की है, जो इसे विरोध के कानूनी अधिकार को सीमित करने के रूप में देखते हैं। इसी बीच, इस मामले में कुछ गिरफ्तार लोगों की भूख हड़ताल ने जेलों में मानवीय स्थिति को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
यूरोप में ये लगातार विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहे हैं जब युद्धविराम की घोषणा के बावजूद ज़ायोनी शासन के गज़ा पर हमले छिटपुट रूप से जारी हैं। गज़ा पट्टी में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक फिलिस्तीनी शहीदों की संख्या 70,000 से अधिक हो गई है और 171,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जो गज़ा में मानवीय त्रासदी की गहराई और बिना शर्त हिंसा को रोकने की आवश्यकता को दर्शाता है। (AK)
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