चीन, अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को स्वीकार करेः अमरीका
अमरीका ने कहा है कि चीन को हेग न्यायालय के निर्णय का सम्मान करना चाहिए।
वाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा है कि दक्षिणी चीन सागर से संबन्धित सभी पक्ष, हेग के अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करनी चाहिए।
जान अर्नेस्ट ने मंगलवार की रात कहा कि हम चीन सहित सभी पक्षों से यह मांग करते हैं कि वे हेग न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए किसी भी प्रकार की तनावपूर्ण कार्यवाहियों से बचें।
अमरीका ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता ट्राइब्यूनल के इस निर्णय को अंतिम तथा बाध्यकारी माना जाना चाहिये कि दक्षिण चीन सागर के जल क्षेत्र पर चीन का कोई ऐतिहासिक स्वामित्व नहीं है।
दूसरी ओर चीन ने हेग न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ श्वेतपत्र जारी किया है, जिसमें दक्षिण चीन सागर में उसके ऐतिहासिक अधिकारों को निरस्त कर दिया है। चीन ने श्वेतपत्र जारी करते हुए चीन ने कहा है कि इस रणनीतिक क्षेत्र में बीजिंग का दावा 2000 साल पुराना है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिणी चीन सागर में तेल और गैस के अकूत भंडार है। यहां पर 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फुट नेचुरल गैस मौजूद है। दुनिया के एक तिहाई व्यापारिक जहाज इसी समुद्र से गुजरते हैं। भारत का ही लगभग 55% समुद्री व्यापार इस मार्ग से होता है। इस क्षेत्र से पूरी दुनिया, लगभग सात ट्रिलियन डॉलर का सालाना कारोबार करती है।
ज्ञात रहे कि मंगलवार को हेग न्यायालय ने अपने एक निर्णय में कहा था कि दक्षिणी चीन सागर के प्राकृतिक स्रोतो को प्रयोग करने का चीन को कोई क़ानूनी अधिकार नहीं है।