अदालत के आगे ट्रम्प ने घुटने टेके
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4 फ़रवरी 2017 को बर्लिन में ब्रैन्डेन्बर्ग में अमरीकी दूतावास के निकट ट्रम्प के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते लोग
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने 7 मुसलमान देश के नागरिकों के सफ़र पर पाबंदी को निरस्त करने के अदालत के फ़ैसले का पालन करने का एलान किया है। हालांकि ट्रम्प ने अदालत के फ़ैसले पर सवाल उठाए हैं।
अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा, “हमने ट्रम्प के प्रशासनिक आदेश के तहत अस्थायी रूप से वीज़ा रद्द करने की प्रक्रिया को उलट दिया है। जिनके पास वीज़ा है और वह रद्द नहीं हुआ है वह सफ़र कर सकते हैं।”
अमरीकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह 60000 रद्द हुए वीज़ों को फिर से मान्यता दे रहा है जिसे पिछले हफ़्ते ट्रम्प के आदेश के तहत रद्द किया गया था जबकि कुछ रिपोर्टों में रद्द हुए वीज़ों की संख्या 100000 से ज़्यादा बतायी गयी है।
अमरीकी गृह मंत्रालय ने ट्रम्प के 7 देशों के मुसलमान नागरिकों के अमरीका सफ़र पर पाबंदी लगाने के विवादास्पद फ़ैसले को लागू करने के लिए उठाए गए सभी क़दम वापस लेने का एलान किया है।
गृह मंत्रालय के कर्मचारी “सामान्य नीति व प्रक्रिया के अनुसार यात्रियों का मुआयना शुरु करेंगे।”
ग़ौरतलब है कि शुक्रवार को अमरीकी राज्य वॉशिंग्टन के सीटल ज़िला अदालत के जज जेम्स रॉबर्ट ने उस मुक़द्दमे के पक्ष में फ़ैसला सुनाया गया जिसमें राष्ट्रपति के उस आदेश को उलटने की अपील की गयी थी जिसके तहत 7 मुस्लिम बाहुल देश के मुसलमान नागरिकों के अमरीका प्रवेश पर पाबंदी लगायी गयी थी।
ट्रम्प की प्रतिक्रिया
डॉनल्ड ट्रम्प ने शनिवार की सुबह श्रद्धालबद्ध ट्वीट में जज जेम्स रॉबर्ट का अनादर करते हुए उन्हें ‘कथित जज’ और उनके फ़ैसले को उलटने की धमकी दी।
ट्रम्प ने अपने ट्वीट में कहा, “इस कथित जज का फ़ैसला कि जो हमारे देश में क़ानून के पालन को रोक रहा है, हास्यास्पद है और इसे उलट दिया जाएगा।”

ट्रम्प के इस ट्वीट की अमरीकी सिनेट में अल्पसंख्यक मामलों के नेता चक शुमर ने कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति का जेम्स रॉबर्ट पर हमला एक स्वाधीन न्यायतंत्र की अवज्ञा है जो उनकी इच्छा के आगे नहीं झुका और संविधान की अवमानना है जिससे इस बात की अहमियत और बढ़ जाती है कि सर्वोच्च न्यायालय आत्मनिर्भर रहे ताकि हुए प्रशासन पर नज़र रख सके।”

ग़ौरतलब है कि ट्रम्प ने 27 जनवरी को प्रशासनिक आदेश पर दस्तख़त किए जिसके तहत ईरान, इराक़, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागरिकों के अमरीका सफ़र पर अस्थायी रूप से और सीरियाई शरणार्थियों पर अनिश्चित पाबंदी लगी थी।(MAQ/N)