रूस और नेटो के बीच लीबिया में भी टकराव के आसार
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2011 में लीबिया के मुहम्मद गद्दाफ़ी के तख्तापलट के बाद से लीबिया में गृह युद्ध जारी है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Mar २९, २०१७ १६:३३ Asia/Kolkata
  • रूस और नेटो के बीच लीबिया में भी टकराव के आसार

2011 में लीबिया के मुहम्मद गद्दाफ़ी के तख्तापलट के बाद से लीबिया में गृह युद्ध जारी है।

पूरा लीबिया दो भागों में बंटा हुआ है। पूर्वी लीबिया पर जनरल ख़लीफ़ा हफ्तार के नेतृत्व वाली लीबियन नेशनल आर्मी का क़ब्ज़ा है तो पश्चिमी लीबिया पर नेटो समर्थित गवर्नमेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड का क़ब्ज़ा है।

नेटो का समर्थन होने के बावजूद गवर्नमेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड राजधानी त्रिपोली पर से अपना नियंत्रण खो चुकी है। 2011 में गद्दाफ़ी के तख्तापलट के समय जनरल ख़लीफ़ा हफ्तार सीआईए के इशारे पर ही काम कर रहे थे लेकिन उसके बाद से लगातार नेटो से उनके मतभेद बढ़ते गये और सीरिया में रूस के सफल सैन्य अभियान के बाद जनरल हफ्तार की रूस के साथ नज़दीकियां बढ़ गयी।

पिछले साल नवंबर में जनरल हफ्तार रूस से समर्थन प्राप्त करने के लिए मास्को में रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव से भी मुलाक़ात कर चुके हैं, एवम इस साल जनवरी में जनरल हफ्तार ने रुसी एयरक्राफ्ट कैरियर का भी दौरा लीबिया के समुन्द्री तट पर किया था।

पिछले महीने रायटर्स में छपी ख़बर के अनुसार रुसी स्पेशल फोर्सेज़ की एक छोटी सी टुकड़ी जनरल हफ्तार की सेना की मदद करने के लिए लीबिया में मौजूद है। अल्जीरिया की सेना के एक बड़े अधिकारी के अनुसार भी रूस ने जनरल हफ्तार को पूरा समर्थन देने का ऐलान कर दिया है और अल्जीरिया भी इस अभियान में जनरल हफ्तार की भरपूर मदद करेगा।

मिस्र की सेना के अनुसार भी मिस्र और लीबिया बॉर्डर से 60 किलोमीटर दूर मिस्र सेना के एक बेस पर रुसी सेना के स्पेशल कमांडोज़ का एक दल और ड्रोन तैनात किये गए हैं। रूस के इस क़दम के बाद रूस और नेटो फिर से आमने सामने खड़े हैं। सीरिया में रूस के सफल सैन्य अभियान के बाद से अब रुसी सेना के इरादे और आत्मविश्वास बुलंदी पर हैं और वो अब नेटो और अमेरिका का मुक़ाबला करने के लिए आतुर है।

अब देखना ये है कि क्या सीरिया की तरह रूस यहाँ भी नेटो को ज़ोरदार  पटखनी देगा या ऊंट किसी और करवट बैठेगा। लेकिन यहाँ एक बात यो स्पष्ट है कि अब दुनिया पर अमेरिका और नेटो के एकछत्र राज के दिन खत्म हो चुके हैं और अब दुनिया दोबारा से बहुध्रुवीय दुनिया की तरफ़ आगे बढ़ रही है जो की एक बेहद ही अच्छा संकेत है।

                           

(लेखकः अभिमन्यु_कोहाड़)

(नोटः लेखक के निजी विचार से पार्स टूडे का सहमत होना ज़रूरी नहीं।)