पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल अफ़ग़ानिस्तान पहुंचा
(last modified Mon, 01 May 2017 14:38:03 GMT )
May ०१, २०१७ २०:०८ Asia/Kolkata

पिछले दो सप्ताह के दौरान पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की यह दूसरी अफगान यात्रा है।

पाकिस्तान के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की अफगानिस्तान यात्रा दोनों देशों के संबंधों में व्याप्त तनावों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम समझी जा रही है वह भी ऐसी स्थिति में जब दोनों देशों के संबंध यथावत तनावग्रस्त हैं।

पाकिस्तान के संसद सभापति सरदार एयाज़ सादिक़ की अध्यक्षता में 15 व्यक्तियों पर आधारित एक प्रतिनिधिमंडल काबुल गया है जहां उसने काबुल में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ ग़नी से भेंट की है।

इस भेंट में अशरफ ग़नी ने बल देकर कहा कि दोनों देशों के अधिकारियों को एक दूसरे के देश की अधिक यात्रा करनी चाहिये और आशा जताई है कि काबुल- इस्लामाबाद के मध्य व्याप्त अविश्वास का वातावरण समाप्त हो जायेगा।

पिछले दो सप्ताह के दौरान किसी पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की यह दूसरी अफगान यात्रा है। इससे पहले एक पाकिस्तानी सैन्य प्रतिनिधिमंडल काबुल गया था और कहा जा रहा है कि शीघ्र ही पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आईएसआई के प्रमुख भी काबुल की यात्रा पर जाने वाले हैं।

यद्यपि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ ग़नी ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की काबुल यात्रा को सकारात्मक कदम बताया है परंतु अब भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंधों में अविश्वास का वातावरण व्याप्त है।

दोनों देशों के मध्य सीमा रेखा और आतंकवाद से मुकाबले की शैली को लेकर मतभेद हैं और इसी प्रकार तालेबान को काबुल और इस्लामाबाद के संबंधों में तनाव उत्पन्न करने वाले कारक के रूप में देखा जाता है।

पाकिस्तान के पारंपरिक प्रतिस्पर्धी भारत के अफगानिस्तान में प्रभाव से भी काबुल और इस्लामाबाद के संबंध अधिक तनावग्रस्त हो गये हैं। इस प्रकार की स्थिति में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की काबुल यात्रा का उद्देश्य, दोनों देशों के मध्य तनावों को अधिक होने से रोकना है और इसी कारण पाकिस्तान के विभिन्न पार्टी नेताओं और अधिकारियों ने अफगानिस्तान की यात्रा की है।

अफगान मामलों के राजनीतिक टीकाकार सैफुद्दीन सैहून का मानना है कि अफगानिस्तान पर पाकिस्तान का दबाव अल्पकालिक है और लंबे समय के लिए उसकी कोई उपयोगिता नहीं है क्योंकि दोनों देशों के परस्पर हितों का संबंध विशेषकर व्यापार के क्षेत्र में दोनों देशों के लोगों से है।

इसी बीच पाकिस्तान की नेशनल पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य लतीफ आफरीदी का मानना है कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडलों की अफगान यात्रा का कोई परिणाम न तो इस देश के लिए और न ही अफगानी लोगों के लिए निकलेगा क्योंकि पाकिस्तानी सेना ने अभी तक अपनी नीति को अफगानिस्तान के संबंध में परिवर्तित नहीं किया है।

इसी कारण पाकिस्तान से काबुल जाने वाले पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से भेंट में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने हर चीज़ से अधिक आतंकवाद से मुकाबले, सीमाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और शांति वार्ता प्रक्रिया से तालेबान को जोड़ने के लिए उसे प्रोत्साहित करने पर बल दिया। MM