ट्रम्प - पुतीन मुलाक़ात, उसके प्रभाव
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आख़िरकार वाशिंग्टन द्वारा मास्को की भीषण आलोचनाओं के बाद अमरीका और रूस के राष्ट्रपतियों ने जर्मनी के हैंमबर्ग शहर में गुट-20 के शिखर सम्मेलन के इतर मुलाक़ात की। अमरीका में डोनल्ड ट्रम्प के सत्ता में पहुंचने के बाद से दोनों नेताओं की पहली मुलाक़ात है।
(last modified 2023-11-29T09:15:15+00:00 )
Jul ०८, २०१७ १५:५४ Asia/Kolkata

आख़िरकार वाशिंग्टन द्वारा मास्को की भीषण आलोचनाओं के बाद अमरीका और रूस के राष्ट्रपतियों ने जर्मनी के हैंमबर्ग शहर में गुट-20 के शिखर सम्मेलन के इतर मुलाक़ात की। अमरीका में डोनल्ड ट्रम्प के सत्ता में पहुंचने के बाद से दोनों नेताओं की पहली मुलाक़ात है।

दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक देशों के ग्रुप  जी-20 गुट का शिखर सम्मेलन 7 जुलाई को आंरभ हुआ। 1999 में गठित होने वाले बड़े आर्थिक देशों के ग्रुप जी-20 का यह बीसवां शिखर सम्मेलन है। जलवायु परिवर्तन, सीरिया संकट, स्वतंत्र व्यापार, उत्तरी कोरिया का संकट, स्थाई विकास से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यक्रम के क्रियान्वयन का मामला, शरणार्थी संकट और आतंकवाद के  विरुद्ध युद्ध, जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेन्डे में शामिल है। इस गुट में दुनिया के 19 बड़े आर्थिक देश और यूरोपीय संघ शामिल है।

जी-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर अमरीका और रूस के राष्ट्रपतियों ने कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से द्विपक्षीय मुलाक़ातें की हैं। वाशिंग्टन और मास्को के अधिकारियों के अनुसार शीत युद्ध के बाद वर्तमान समय में दोनों देशों के संबंध अपने निम्न स्तर पर पहुंच गये हैं। रूस पर यूक्रेन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप, सीरिया की राजनैतिक व्यवस्था का समर्थन और अमरीकी चुनाव में हस्तक्षेप के आरोप लगे और अमरीकी सरकार ने मास्को पर इन्हीं बहानों से प्रतिबंध लगाए दिए हैं। इसके मुक़ाबले में रूस ने पूर्वी यूरोप, पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ़्रीक़ा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अमरीका के नेतृत्व में पश्चिम के मुक़़ाबले महत्वपूर्ण सफलताएं अर्जित की हैं ।

इन परिवर्तनों के कारण अमरीका के भीतर रूस के विरुद्ध अभूतपूर्व वातावरण बन गया और अब डोनल्ड ट्रम्प की चुनाव टीम पर यह आरोप है कि पिछले वर्ष चुनाव के दौरान रूस के साथ उसके गुप्त संबंध थे। इन सबके बावजूद हैमबर्ग में रूस और अमरीका के राष्ट्रपतियों की मुलाक़ात और इस मुलाक़ात के बाद होने वाली सहमति से पता चलता है कि वाशिंग्टन की सत्ता जिन लोगों के हाथों में है उनका काम रूस का विरोध करना नहीं है। अमरीकी चुनाव में रूस के हस्तक्षेप न करने के बारे में पुतीन द्वारा दिए गये ब्योरे को ट्रम्प ने स्वीकार कर लिया है और इससे यह बात साफ़ हो गयी है कि अमरीका के भीतर रूस के विरुद्ध माहौल बनाने का यह विषय अस्वीकार्य है। (AK)