रोहिंग्या मुसलमानों की पीड़ा पर ऑस्ट्रेलिया की जनता का दिल तड़पा
(last modified Sun, 10 Sep 2017 04:10:18 GMT )
Sep १०, २०१७ ०९:४० Asia/Kolkata
  • रोहिंग्या मुसलमानों की पीड़ा पर ऑस्ट्रेलिया की जनता का दिल तड़पा

दुनिया में सबसे ज़्यादा पीड़ित अल्पसंख्यक म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों पर इस देश की सेना के बर्बरतापूर्ण हमलों के ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलिया की जनता ने प्रदर्शन किया।

इरना के अनुसार, यह प्रदर्शन रविवार को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में आयोजित हुआ। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों के ख़िलाफ इस देश की सेना के अपराध के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय हल्क़ों की ख़ामोशी की आलोचना की।

प्रदर्शन में शामिल लोगों का मानना है कि पश्चिमी म्यांमार के राख़ीन राज्य में मुसलमानों का दमन, म्यांमार की आबादी से रोहिंग्या मुसलमानों का जातीय सफ़ाया करने के लिए किया जा रहा है।

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने ऑस्ट्रेलिया की सरकार और इसी प्रकार संयुक्त राष्ट्र संघ से पश्चिमी म्यांमार में इस देश की सेना के अपराध व हिंसक व्यवहार को ख़त्म कराने के लिए तुरंत क़दम उठाने की मांग की।

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने इसी तरह आंग सान सूकी से शांति का नोबल पुरस्कार वापस लेने की भी मांग की। आंग सान सूकी के पास इस समय म्यांमार सरकार में स्टेट काउंसलर का ओहदा है जो प्रधान मंत्री या सरकार के मुखिया से मिलता जुलता पद है।

म्यांमार में ख़ास तौर पर पश्चिमी राज्य राख़ीन में पिछले दो हफ़्ते में रोहिंग्या मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा व अपराध की नई लहर उठी है जिसमें सैकड़ों की तादाद में रोहिंग्या मुसलमानों का जनसंहार हुआ और हज़ारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। इसी प्रकार म्यांमार के सैनिकों और चरमपंथी बौद्धधर्मियों के आतंक के डर से लगभग डेढ़ लाख रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार से बंग्लादेश पलायन कर चुके हैं। (MAQ/N)