रोहिंग्या मुसलमानों की दयनीय स्थिति पर राष्ट्र संघ भी चीख़ उठा
संयुक्त राष्ट्र संघ ने रोहिंग्या मुसलमानों के म्यांमार से ज़बरदस्ती कूच करने के मार्ग में आने वाले ख़तरों पर चिंता व्यक्त की है।
अनातोली समाचार एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ के विस्थापितों के मामले के उच्चायोग के प्रवक्ता विलियम स्पैंडलर ने एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ म्यांमार से फ़रार करने के लिए रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा चुने जाने वाले ख़तरनाक रास्तों की ओर से बहुत चिंतित है।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने घोषणा की है कि 25 अगस्त से अब तक 200 रोहिंग्या मुसलमान जो म्यांमार और बांग्लादेश के बीच स्थित नाफ़ नदी पार करके फ़रार करना चाहते थे, डूब चुके हैं।
विलियम स्पैंडलर का कहना है कि दमन का शिकार रोहिंग्या मुसलमानों के पैसे और संभावनाएं नहीं हैं और वह म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा पर स्थित नदी को पार करने के लिए कमज़ोर लकड़ियों से बनी मामूली नौकाओं जैसा साधनों का प्रयोग करते हैं जबकि यह नौकाएं अधिकतर दुर्घटनाग्रस्त हो जाती हैं।
म्यांमार में बौद्ध चरमपंथियों और कट्टरपंथी सेना ने इस देश के रोहिंग्या मुसलमानों का 25 अगस्त से जनसंहार आरंभ कर रखा है जिसमें अब तक छह हज़ार राख़ीन के रोहिंग्या मुसलमान हताहत और आठ हज़ार से अधिक घायल हो चुके हैं।
अब तक लाखों रोहिंग्या मुसलमान अपनी जान बचाकर बांग्लादेश फ़रार कर चुके हैं। (AK)