अमरीका, पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिकों से जासूसी कराने के प्रयास में
एक अमरीकी पत्रकार का कहना है कि अमरीका की गुप्तचर संस्था सीआईए, पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिकों को जासूसी के लिए प्रयोग करने और उनको दुरुपयोग करने का प्रयास कर रही है।
एक्सप्रेस न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार अमरीकी समाचार पत्र डैनियल गोल्डन ने रहस्योद्धाटन किया है कि अमरीकी गुप्तचर संस्था सीआईए, यूरोपीय देशों में विज्ञान संबंधी बैठकों और सेमीनारों का आयोजन करके तथा इन बैठकों में परमाणु क्षेत्र में सक्रिय वैज्ञानिकों और प्रसिद्ध हस्तियों को निमंत्रण देकर इन लोगों से जासूसी के लिए इस्तेमाल करने का प्रयास कर रही है।
इस अमरीकी पत्रकार ने लिखा कि आम तौर पर यह वैज्ञानिक, ईरान, उत्तरी कोरिया या रूस जैसे देशों के जो अमरीका के विरोधी हैं या इन वैज्ञानिकों का संबंध पाकिस्तान जैसे देशों से है जो विदित रूप से अमरीका को अपना मित्र समझते हैं।
गोल्डन का कहना है कि अमरीकी गुप्तचर संस्था सीआईए, पाकिस्तानी वैज्ञानिकों को भारी भरकम पैसे देकर उन्हें पाकिस्तान छोड़ने और पाकिस्तान की गुप्त परमाणु सूचनाएं लीक करने के लिए उकसा रही है।
पाकिस्तान की सेना हमेशा से अपनी सैन्य और रक्षा क्षमताओं में वृद्धि के प्रयास में रहती है ताकि मीज़ाइल और सैन्य क्षमताओं में अपने शक्तिशाली पड़ोसी से पीछे न रहे।
अंतर्राष्ट्रीय स्टाकहोम पीस शोध संस्था की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास 100 से 120 परमाणु वारहेड्स हैं। (AK)