फ़्रांस के राष्ट्रपति का अफ़्रीक़ा का दौरा
(last modified Sat, 03 Feb 2018 11:47:35 GMT )
Feb ०३, २०१८ १७:१७ Asia/Kolkata

फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने ट्यूनीशिया और सेनेगल के दौरे पर इन दोनों देशों के अधिकारियों से द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने, आतंकवाद से संघर्ष और लीबिया से संबंधित मामलों पर विचार विमर्श किया।

 

मैक्रोन ने ऐसी हालत में ट्यूनीशिया का दौरा किया कि इस देश की जनता को जनक्रान्ति के 7 साल बाद बहुत सी आर्थिक व सामाजिक मुश्किलों का सामना है। पिछले कुछ हफ़्तों के दौरान आर्थिक स्थिति, निर्धनता और बेरोज़गारी को लेकर ट्यूनीशिया में जनता ने प्रदर्शन किया। ऐसे हालात में फ़्रांस के राष्ट्रपति का ट्यूनीशिया का दौरा इस देश के अधिकारियों के लिए बहुत अहम था। उन्हें उम्मीद थी कि मैक्रोन के दौरे में फ़्रांसीसी पूंजिपतियों को पूंजिनिवेश के लिए आकर्षित और व्यापारिक समझौते पर दस्तख़त करने में सफल होंगे ताकि इस तरह ट्यूनीशिया की मुश्किलें कम हो सकें लेकिन मैक्रोन के ट्यूनीशिया के दौरे पर 8 समझौतों के बावजूद किसी अहम समझौते पर दस्तख़त न हुए।

टीकाकारों के अनुसार, ट्यूनीशिया में बढ़ता सामाजिक तनाव और  क्षेत्र में जारी अशांति व स्थिरता के कारण फ़्रांसीसी पूंजिपतियों ने ट्यूनीशिया में पूंजिनिवेश में रूचि नहीं दिखायी।

मैक्रोन की सेनेगल के दौरे पर इस देश के राष्ट्रपति मैकी साल से मुलाक़ात में, इस देश को हथियार बेचने सहित आर्थिक क्षेत्र में कई समझौतों पर दस्तख़त हुए। मैक्रोन ने सेनेगल के दौरे पर अफ़्रीक़ा में शिक्षा कार्यक्रम को लागू करने के लिए ज़रूरी बजट का 10 फ़ीसद मुहैया करने का वयन दिया।

कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि इस समय फ़्रांस अफ़्रीक़ा में अपनी मौजूदगी को प्रभावी बनाकर अफ़्रीक़ा से ग़ैर क़ानूनी पलायन और योरोप में फैलते आतंकवाद जैसी दो मुख्य चुनौतियों से पार पाने की कोशिश में है। लेकिन अफ़्रीक़ा के हालात के मद्देनज़र इन लक्ष्यों की प्राप्ति का क्षितिज स्पष्ट दिखायी नहीं देता। (MAQ/T)