पुतीन व मैक्रां की भेंट, परमाणु समझौते की सुरक्षा पर बल
रूसी राष्ट्रपति विलादमीर पुतीन अपने फ्रांसीसी समकक्ष से भेंट के बाद, जेसीपीओए की सुरक्षा और परमाणु समझौते को जारी रखने के युरोपीय देशों के रुख का समर्थन किया।
हालांकि मैक्रां सेन्टपीटर्सबर्ग की आर्थिक बैठक में भाग लेने के लिए रूस गये हैं लेकिन अस्ल में पुतीन के साथ उनकी भेंट में मुख्य विषय जेसीपीओए सहित क्षेत्रीय मुद्दे रहे।
एेसा लगता है कि अमरीका व युरोप के मध्य व्यपारिक मतभेदों की वजह से युरोप रूस से अधिक निकट हो रहा है। जर्मनी और फ्रांस जैसे प्रभावशाली युरोपीय देश, रूस के खिलाफ अमरीकी प्रतिबंध लगाए जाने के विरोधी हैं। अमरीका के जेसीपीओए से निकल जाने के बाद युरोप ने इस समझौते में बाकी रहने पर बल दिया है और इसी लिए फ्रांस के राष्ट्रपति ने पुतीन के साथ अपनी भेंट में बल दिया है कि आईएईए ने इस बात की पुष्टि की है कि ईरान ने परमाणु समझौते का पूरी तरह से पालन किया है इस लिए युरोपीय पक्ष, जेसीपीओए को जारी रखने का समर्थन करता है । दूसरी ओर पुतीन विशेष कारणों से जेसीपीओए को जारी रखने का समर्थन करते हैं। उनके अनुसार परमाणु समझौता खत्म किये जाने से क्षेत्र पर बुरे प्रभाव पड़ेंगे और क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता बढ़ेगी। किंतु महत्वपूर्ण बात यह है कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रां के विपरीत, रूसी राष्ट्रपति विलादमीर पुतीन इस बात के विरोधी हैं कि जेसीपीओए के दायरे में, ईरान के मिसाइल कार्यक्रम और इलाक़े में ईरान की भूमिका जैसे बाहरी विषय शामिल किये जाएं और उनके बारे में वार्ता की जाए। पुतीन के अनुसार इस प्रकार के मुद्दों को ज़बरदस्ती जेसीपीओए में शामिल किये जाने से इस समझौते के खत्म होने की आशंका पैद हो जाएगी।(Q.A.)