अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय के फ़ैसले पर ट्रम्प की प्रतिक्रिया
अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की आलोचना और उससे अपने देश को निकालने की नीति अपना रखी है।
अमरीका अब तक संयुक्त राष्ट्र संघ के अधीन कई संस्थाओं जैसे यूनेस्को और मानवाधिकार परिषद से निकल चुका है और अब उसने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय को धमकी दी है। अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय जातीय सफ़ाए, युद्ध अपराध और मानवता के विरुद्ध अपराध की जांच के लिए स्थापित हुआ है। इस परिप्रेक्ष्य में ट्रम्प सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय की न्यायवादी फ़ातू बिनसूदा के ख़िलाफ़ कार्यवाही करते हुए उनका अमरीका में दाख़िल होने का वीज़ा रद्द कर दिया। फ़ातू बिन सूदा ने नंबवर 2017 में अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध अपराध के बारे में जांच की इजाज़त लेने के लिए क़दम उठाया और अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों के युद्ध अपराध की जांच की मांग की।
इसके विरुद्ध अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने खुल्लम खुल्ला धमकी दी कि अगर अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी युद्ध अपराध की जांच पर अड़ा रहेगा तो वह इस न्यायालय के कर्मचारियों को वीज़ा जारी नहीं करेगा। ट्रम्प सरकार की ओर से अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों के युद्ध अपराध की अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय में जांच का विरोध होना यह दर्शाता है कि वॉशिंग्टन अफ़ग़ानिस्तान में अपने सैनिकों के अमानवीय कृत्यों से भलिभांति अवगत है। (MAQ/T)