रोहिंग्या शिविरों में भूस्खलन के कारण हजारों विस्थापित
बांग्लादेश में रोहिंग्या मुसलमानों के शरणार्थी शिविरों में मानसून के कारण हुए भूस्खलन में 4,500 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान बेघर हो गए।
संचार माध्यमों के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ ने बताया कि बांग्ला देश के कॉक्स बाजार के आसपास शिविरों में हुए भूस्खलन से पहले 72 घंटों में करीब 35 सेंटीमीटर बारिश हुई। इस इलाके में म्यांमार से भागकर आए एक लाख से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम रहते हैं। म्यांमार की सीमा के समीप पर्वतीय क्षेत्र पर निर्मित इन शरणार्थी शिविरों में अबतक 26 बार भूस्खलन हुए हैं। यहां पर झोंपड़ियां बनाने और लकड़ी के लिए पेड़ काट दिए गए जिससे क्षेत्र अस्थिर हो गया।
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के एक अधिकारी अरीज रहमान ने बताया कि घटना में करीब 30 शिविर प्रभावित हुए। दीवार ढहने से लगभग 50 साल की एक महिला की मौत हो गई। शिविर के नेता दिल मोहम्मद ने फोन पर बताया कि अधिकतर शिविर पानी के तल में बने हैं क्योंकि म्यांमार के अधिकारियों ने निकट की एक नदी पर बांध बनाया है। बांग्लादेश के शरणार्थी आयुक्त मोहम्मद अबुल कलाम ने रविवार को बताया था कि आपात तैयारियां की गई हैं। ज्ञात रहे कि सन 2017 में मानसून की बारिश के कारण रोहिंग्या मुसलमानों के शरणार्थी शिविर में 170 लोग मारे गए थे।