मलेशियाई प्रधानमंत्री कश्मीर पर अपने बयान पर अडिग
मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा है कि कश्मीर के बारे में उन्होंने जो कहा है, उस पर वे क़ायम हैं।
महातिर मुहम्मद ने पिछले महीने 24 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में कहा था कि भारत ने कश्मीर पर क़ब्ज़ा कर रखा है। मलेशिया के इस रुख़ को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। रोयटर्ज़ के अनुसार महातिर मुहम्मद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हम दिल से बोलते हैं और बोलकर पीछे नहीं हटते। उन्होंने कहा कि हमने यही कहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्तावों के हिसाब से इसका समाधान होना चाहिए वरना संयुक्त राष्ट्र का क्या मतलब है? उन्होंने महासभा में कहा था कि भारत ने जम्मू कश्मीर पर हमला करके क़ब्ज़ा किया है और भारत को कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिये पाकिस्तान के साथ काम करना चाहिये। भारत के विदेश मंत्रालय ने मलेशिया के प्रधानमंत्री के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि भारत और मलेशिया के बीच पारंपरिक रूप से अच्छे और मैत्रीपूर्ण संबंध है और हम इस प्रकार की टिप्पणियों पर अफ़सोस जताते हैं क्योंकि ये तथ्यों पर आधारित नहीं है।
महातिर मुहम्मद के इस बयान से दोनों देशों में व्यापारिक युद्ध जैसी स्थिति आ गई है। भारत, मलेशिया के पाम तेल का बड़ा बाज़ार है और भारतीय व्यापारियों ने मलेशियाई तेल के बहिष्कार की बात कही है। इसके बावजूद मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा है कि कश्मीर पर वे अपने रुख़ से पीछे नहीं हटेंगे। महातिर ने पाम तेल के आयात रोकने के बारे में कहा है कि वे भारतीय व्यापारियों की ओर से मलेशियाई पाम तेल के बहिष्कार के प्रभाव का अध्ययन करेंगे और फिर फ़ैसला करेंगे इस पर आगे क्या करना है। हालांकि भारत ने मलेशिया से पाम तेल के आयात रोकने को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है। (HN)