पाकिस्तान में सत्ताधारी दल के विरुद्ध "आज़ादी मार्च" आरंभ
पाकिस्तान के जमीअते ओलमाए इस्लाम दल के प्रमुख ने सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक इंसाफ़ के विरुद्ध "आज़ादी मार्च" आरंभ किया है।
इस मार्च में भाग लेने वालों को संबोधित करते हुए मौलाना फ़ज़्लुर्रहमान ने कहा कि हम भारत सहित संसार को यह संदेश देना चाहते हैं कि कश्मीर के मामले पर पाकिस्तानी राष्ट्र एकजुट है। उन्होंने कहा कि आज पूरे पाकिस्तान में कश्मीरियों के साथ सहानुभूति प्रकट की जा रही है। उनका कहना था कि कश्मीर पर भारत के नियंत्रण के आज 72 वर्ष पूरे हो रहे हैं जिसके विरोध में पाकिस्तान में काला दिवस मनाया जा रहा है।
मौलाना ने विश्व समुदाय, संयुक्त राष्ट्रसंघ, ओआईसी तथा मानवाधिकार संगठनों सहित सभी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से मांग की है कि वे भारत नियंत्रित कश्मीर की वर्तमान स्थिति का जायज़ा लें। मौलाना फ़ज़्लुर्रहमान ने कहा कि एक राष्ट्र की स्वतंत्रता को छीनकर उनपर अत्याचार किये जा रहे हैं। हम इसपर ख़ामोश नहीं बैठेंगे। वे पहले ही कह चुके हैं कि हम कश्मीरियों के प्रति एकता प्रदर्शित करने के लिए आज यह मार्च निकाल रहे हैं। अपने संबोधन के दूसरे भाग में जमीअते ओलमाए इस्लाम दल के प्रमुख मौलाना फ़ज़्लुर्रहमान ने कहा कि आज़ादी मार्च 31 अक्तूबर को राजधानी इस्लामाबाद पहुंचेगा। उनका कहना था कि हम अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। मौलाना ने कहा कि 25 जूलाई के चुनाव के परिणाम स्वरूप बनने वाली सरकार को हम स्वीकार नहीं करते।
ज्ञात रहे कि विपक्षी दलों की ओर से आज़ादी मार्च निकालने का उद्देश्य, प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से इस्तीफ़ा लेना है क्योंकि उनके अनुसार इमरान ख़ान, धांधली से सत्ता में पहुंचे हैं।