रोहिग्या शरणार्थियों को भारत से निष्कासित न किया जाएः राष्ट्रसंघ
भारत से रोहिग्या मुसलमानों के निष्कासन पर राष्ट्रसंघ ने गहरी चिंता जताई है।
भारत के जम्मू व कश्मीर से रोहिग्या शरणार्थियों को निकाले जाने के भारतीय कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने चिंता व्यक्त की है।
स्पूतनिक समाचार एजेन्सी के अनुसार राष्ट्रसंघ के महासचिव के प्रवक्ता ने इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि भारत से 168 रोहिग्या शर्णार्थियों को निष्कासित किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि पलायनकर्ताओं को उस स्थान वापस न भेजा जाए जहां उनकी जान को ख़तरा है। राष्ट्रसंघ के महासचिव के प्रवक्ता के अनुसार पलायनकर्ताओं को ख़तरे से भरी जगह पर वापस भेजना ग़लत है। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय नियमों के अनुसार किसी ही पलायनकर्ता को उस स्थान पर वापस न भेजा जाए जहां पर उसको अत्याचारों, यातनाओं, अमानवीय व्यवहार और जान का ख़तरा हो। जम्मू व कश्मीर के भूतपूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह ने भी रोहिग्या के बारे में सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए राष्ट्रसंघ के चार्टर पर अमल करने की मांग की है।
याद रहे कि कुछ समय पहले भारतीय अधिकारियों ने 168 रोहिंग्या शर्णार्थियों को जम्मू में एक स्थान पर रोके रखा है। भारती अधिकारियों का कहना है कि रोहिग्या मुसलमानों के भारत में अवैध ढंग से मौजूद रहने की पुष्टि की स्थिति में उनको वापस भेजने की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। भारत में जम्मू व कश्मीर में सबसे अधिक संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं जिनकी संख्या 10 हज़ार से अधिक बताई जाती है।