इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि यदि मुस्लिम राष्ट्र, इन अद्वितीय और अपार संभावनाओं और क्षमताओं के साथ न आंशिक मामलों में बल्कि एक पूरे विषय पर एक साथ हो जाएं तो इस्लामी राष्ट्र का विकास और प्रगति पूरी हो जाएगी और इस्लामी जगत की एकता के विश्वस्तर पर से पैग़म्बरे इस्लाम की महानता व प्रतिष्ठा बढ़ेगी।